चीन में फैल रहा निमोनिया भारत के लिए कितना खतरनाक, ये हैं इसके प्रकार
निमोनिया में स्थिती
इसके कारण खांसी, जुकाम, बुखार और छाती में बलगम जमने जैसी स्थिती बनने लगती है.
भारत पर निमोनिया का असर
ऐसे में कई लोग ये जानने चाहते हैं कि क्या चीन में फैली इस बीमारी का असर भारत में भी देखने को मिल सकता है. तो इसका जवाब है हां ये हो सकता है.
भारत में किस टाइप का फैलेगा निमोनिया
भारत हो या चीन या दुनिया का कोई भी कोना क्यों न हो निमोनिया एक ही जैसा होता है, पर ये निर्भर करता है कि जिनको होगा उनकी इम्युनिटी कैसी है
निमोनिया के कितने प्रकार
निमोनिया के 7 प्रकार हैं, एक्वायर्ड निमोनिया, बैक्टीरिया, एटिपिकल निमोनिया, फंगल निमोनिया, COVID-19 जैसे वायरस, नोसोकोमियल निमोनिया, एस्पिरेशन निमोनिया
एक्वायर्ड निमोनिया और बैक्टीरिया
एक्वायर्ड निमोनिया तब होता है जब मरीज हॉस्पिटल में न गया हो और बैक्टीरिया में ये एक फ्लू की तरह काम करता है
एटिपिकल निमोनिया
ये हर उम्र के लोगों को हो सकता है, ये माइकोप्लाज्मा या क्लैमाइडिया जीवों के कारण होता है
फंगल निमोनिया
कमजोर इम्युनिटी के कारण ये होता है
COVID-19 जैसे वायरस
ये ठंड और फ्लू से होता है और यह 5 साल से कम उम्र वाले बच्चों में अधिक देखने को मिलता है
नोसोकोमियल निमोनिया और एस्पिरेशन निमोनिया
नोसोकोमियल में HAP और VAP शामिल है जो हॉस्पिटल्स के अंदर फैलता है और एस्पिरेशन में उल्टी स बलगम और फेफड़ों में इंफेक्शन हो जाता है
View More Web Stories