Black History: अमेरिका में क्यों हैं आज का दिन खौफनाक, जानें इसके पीछे का राज
अमेरिका और सोवियत संघ
अतंरिक्ष के मामले में 1960 का दशक आज भी काफी याद किया जाता है, ये वो दिन समय था, जब अमेरिका और सोवियत संघ एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में लगे थे.
प्रोग्राम
अमेरिका मे अपने अंतरिक्षयात्रियों को चंद्रमा की सतह पर सबसे पहले उतारने के लिए अपोलो प्रोग्राम शुरू किया.
सर्विस मॉड्यूल
जो कि अपोलो 1 AS-204 के नाम से भी जाना जाता है. इसे फरवरी में सर्विस मॉड्यूल का एक टेस्ट करना था.
समस्याएं
शुक्रवार 27 जनवरी 1967 को अंतरिक्ष यात्रियों ने ट्रेनिंग शुरू करने के लिए पैड 34 कैप्सूल में प्रवेश किया. कई छोटी-छोटी समस्याएं सामने आईं.,
चीख
शाम 6.31 बजे, AC बस में 2 वोल्टेज रीडिंग दर्ज की गई थी, जो संभवत शार्ट-सर्किट का संकेत दे रही थी, तुरंत ही कॉकपिट से चीख सुनाई दी.
विस्फोट
एक तेज धमाके से कमांड मॉड्यूल टूट गया और आग की लपटें और गैस फैल गई. धमाके की आवाज़ से कई कर्मियों को विश्वास हो गया कि कमांड मॉड्यूल में विस्फोट हो गया है.
जहरीली हवा
फैली जहरीली हवा ने उनके शरीर में प्रवेश कर लिया इसी वजह से एक मिनट से भी कम वक्त में सबकी मौत हो गई.
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