बोतलबंद पानी या सेहत का खतरनाक खेल जानिए क्यों FSSAI ने इसे हाई रिस्क माना!
बोतलबंद पानी से होने वाले सेहत के नुकसान
हाल ही में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने बोतलबंद पानी को "हाई रिस्क फूड" कैटेगरी में डाल दिया है. इसका मतलब है कि अब बोतलबंद पानी की कंपनियों की साल में एक बार जांच की जाएगी, ताकि पानी की गुणवत्ता सही रहे. लेकिन सवाल यह है कि बोतलबंद पानी को हाई रिस्क क्यों माना जा रहा है?
Credit: Freepikमाइक्रो प्लास्टिक का खतरा
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, बोतलबंद पानी में माइक्रो प्लास्टिक होते हैं. ये प्लास्टिक के छोटे-छोटे कण पानी में घुलकर हमारे शरीर में पहुंचते हैं. यह हमारे ब्रेन और पूरे शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
Credit: Freepikसुरक्षा के लिए जरूरी कदम
दरअसल यह कदम काफी देर से उठाया गया है, क्योंकि लोग लंबे समय से प्लास्टिक की बोतलों में पानी पी रहे हैं. यह हमारी सेहत के लिए खतरे का कारण बन रहा है.
Credit: Freepikक्या असर डालते हैं माइक्रो प्लास्टिक?
माइक्रो प्लास्टिक सेहत के लिए बेहद हानिकारक है. यह न सिर्फ ब्रेन, बल्कि हार्ट डिजीज, कैंसर जैसी बीमारियों का भी कारण बन सकता है. इसके प्रभाव अभी पूरी तरह से सामने नहीं आए हैं, लेकिन कई रिसर्च में यह पाया गया है कि माइक्रो प्लास्टिक से याददाश्त कमजोर हो रही है और कई बीमारियाँ बढ़ रही हैं.
Credit: Freepikघर का पानी बेहतर विकल्प
एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्लास्टिक की बोतल से बचने के लिए घर का पानी उबालकर पीना ज्यादा सुरक्षित है. इससे माइक्रो प्लास्टिक के प्रभाव से बचा जा सकता है.
Credit: Freepikक्या करना चाहिए?
कई होटलों ने पहले ही पानी को शीशे की बोतलों में देना शुरू कर दिया है, क्योंकि वे जानते हैं कि प्लास्टिक में पानी रखना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है.
Credit: Freepikनए नियमों की अहमियत
FSSAI के नए नियम यह सुनिश्चित करेंगे कि बोतलबंद पानी की कंपनियों पर सख्त निगरानी हो और उनके पानी की गुणवत्ता सही रहे. यह कदम सेहत के लिए बेहद जरूरी है और इसे तुरंत लागू किया जाना चाहिए.
Credit: Freepikस्वस्थ रहें, सुरक्षित रहें!
तो अगली बार जब आप बोतलबंद पानी पीने का सोचें, तो यह याद रखें कि घर का उबला हुआ पानी आपके और आपके परिवार के लिए ज्यादा सुरक्षित है.
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