पैकेट वाला दूध उबालना सही या गलत
दूध उबालने की परंपरा
पहले दूध स्थानीय डेयरी किसानों से सीधे प्राप्त होता था, जिसे उबालने से हानिकारक बैक्टीरिया और सूक्ष्मजीव नष्ट हो जाते थे.
Credit: freepikमौसम के कारण
आज के समय में पैकेज्ड दूध मिलता है, लेकिन यह आदत अब भी बरकरार है. ऐसा भारत के मौसम के कारण भी होता है.
Credit: freepikउबालने पर क्या होता है?
दूध 100 डिग्री सेल्सियस पर उबलता है. इस तापमान पर सैल्मोनेला या क्लोस्ट्रीडियम जैसे हानिकारक जीवाणु नष्ट हो जाते हैं.
Credit: freepikकई गुणों में बदलाव
उच्च तापमान पर बैक्टीरिया, वायरस, और अन्य सूक्ष्मजीव नष्ट हो जाते हैं, जिससे यह अधिक सुरक्षित हो जाता है.
Credit: freepikअवशोषण में सुधार
दूध को उबालने से इसके प्रोटीन बेहतर पचने योग्य हो जाते हैं और वसा के अणु टूट जाते हैं जिससे अवशोषण में सुधार होता है.
Credit: freepikलाइफ बढ़ जाती है
सबसे खास बात दूध अधिक गाढ़ा होने से मीठा हो जाता है. साथ ही दूध उबालने से इसकी शेल्फ लाइफ भी बढ़ जाती है.
Credit: freepikपैकेट वाले दूध का क्या करें?
ये दूध पहले से उच्च तापमान पर गर्म किया गया है जिससे हानिकारक बैक्टीरिया नष्ट हो चुके होते हैं. इस कारण उबालना जरूरी नहीं है.
Credit: freepikकब उबालें?
यदि दूध के पैकेट में कोई क्षति हो या उसे गलत तरीके से संग्रहित किया गया हो, तो अतिरिक्त सुरक्षा के लिए दूध उबालना उचित है.
Credit: freepikक्या करें?
अगर आप दूध की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं, तो उसे हल्का गर्म करके भी पी सकते हैं, ताकि इसके पोषक तत्व सुरक्षित रहें.
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