ओशो का साम्राज्य बनने और बिखरने की कहानी


2024/01/11 23:00:39 IST

अर्थ

    ‘ओशो’ का अर्थ है वो शख़्स जिसने अपने आपको सागर में विलीन कर लिया हो.

दिलचस्पी

    ओशो में लोगों की दिलचस्पी इसलिए भी जगी क्योंकि वो किसी परंपरा, दार्शनिक विचारधारा या धर्म का हिस्सा कभी नहीं रहे.

शुरुआत

    रजनीश ने अपने करियर की शुरुआत 1957 मे रायपुर के संस्कृत विश्वविद्यालय में प्रवक्ता बन कर की.

आध्यात्मिक

    इसी दौरान एक आध्यात्मिक गुरू के रूप में उन्होंने अपना करियर शुरू किया और पूरे भारत का दौरा करने लगे.

धार्मिक धारणा

    रजनीश ने शुरू से ही सदियों से चली आ रही धार्मिक धारणाओं और कर्मकांडों के ख़िलाफ़ अपनी आवाज़ उठाई.

नए आश्रम

    31 मई, 1981 को वो मुंबई से अपने अमेरिका स्थित नए आश्रम के लिए रवाना हुए.

अलविदा

    19 जनवरी, 1990 को उन्होंने मात्र 58 साल की उम्र में इस दुनिया से अलविदा कहा. पुणे के उनके निवास ‘लाओ ज़ू हाउज़’ में उनकी समाधि बनाई गई

View More Web Stories