प्रधानमंत्री से जब पुलिस ने मांगी घूस, फिर क्या हुआ
पांचवें प्रधानमंत्री
देश के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को देश में किसानों के मसीहा के रूप में जाना जाता है.
जन्म
23 दिसंबर 1902 को हापुड़ जिले में जन्मे चौधरी चरण सिंह 1979 में कांग्रेस समर्थन से पीएम बने. लेकिन वो 23 दिन ही प्रधानमंत्री के पद पर रह पाए.
राजनीतिक सफर
लेकिन आज हम उनके राजनीतिक सफर के बारे में नहीं बल्कि एक ऐसी घटना के बारे में बात करने वाले हैं, जो की काफी चर्चित है.
थाने
साल 1979 में देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह शाम को यूपी इटावा जिले के ऊसराहार थाने में पहुंच गए.
किसान
धीमी चाल और फटेहाल कपड़ों में उन्होंने खुद को एक 75 वर्षीय किसान बताया. उन्होंने पुलिसकर्मियों से पूछा दरोगा साहब हैं.
रपट
पुलिस वाले ने उनसे पूछा कि क्या काम हैं. उन्होंने बताया कि मुझे एक रपट लिखवानी है. मेरे पैसे चोरी हो गए हैं.
खर्चा-पानी
एक पुलिसकर्मी ने कहा कि रपट तो लिखवा देंगे लेकिन इसके लिए कुछ खर्चा-पानी देना होगा.
हस्ताक्षर
आखिरकार पैसे देने के बाद रपट लिख ली गई. रपट लिख कर मुंशी ने प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह से पूछा, ‘बाबा हस्ताक्षर करोगे कि अंगूठा लगाओगे.
हड़कंप
चौधरी चरण सिंह ने जेब से मुहर निकाल कर कागज पर ठोंक दी, जिस पर लिखा था ‘प्रधानमंत्री, भारत सरकार.’ ये देखकर पूरे थाने में हड़कंप मच गया.
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