Famous Shayar: इश्क, खामोशी, आंखें और जुदाई पर इन फेमस शायरों की शायरी
खामोशी
दिया ख़ामोश है लेकिन किसी का दिल तो जलता है,
चले आओ जहां तक रौशनी मालूम होती है.
मोहब्बत
करूंगा क्या जो मोहब्बत में हो गया नाकाम,
मुझे तो और कोई काम भी नहीं आता.
बरसात
टूट पड़ती थीं घटाएं जिन की आंखें देख कर,
वो भरी बरसात में तरसे हैं पानी के लिए.
बारिश
तमाम रात नहाया था शहर बारिश में,
वो रंग उतर ही गए जो उतरने वाले थे.
इबादत
उस की याद आई है सांसो ज़रा आहिस्ता चलो,
धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है.
तअल्लुक़
हम हैं सूखे हुए तालाब पे बैठे हुए हंस,
जो तअल्लुक़ को निभाते हुए मर जाते हैं.
होंठों
आते आते मिरा नाम सा रह गया,
उसके होंठों पे कुछ कांपता रह गया.
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