दो मुझ को बद-दुआ कि उसे भूल जाऊँ मैं...पढ़ें Qateel Shifai की गजलें


2024/01/31 21:12:49 IST

मोहब्बत

    यारों कहां तक और मोहब्बत निभाऊँ मैं, दो मुझ को बद-दुआ कि उसे भूल जाऊँ मैं

Credit: Social Media

दिल

    दिल तो जला किया है वो शो'ला सा आदमी, अब किस को छू के हाथ भी अपना जलाऊँ मैं

Credit: Social Media

ज़िन्दगी

    सुनता हूँ अब किसी से वफ़ा कर रहा है वो, ऐ ज़िन्दगी ख़ुशी से कहीं मर न जाऊँ मैं

Credit: Social Media

क़त्ल

    बदनाम मेरे क़त्ल से तन्हा तू ही न हो, ला अपनी मोहर भी सर-ए-महज़र लगाऊं मैं

Credit: Social Media

इल्हाम

    उतरा है बाम से कोई इल्हाम की तरह, जी चाहता है सारी ज़मीं को सजाऊँ मैं

Credit: Social Media

मौत

    उस जैसा नाम रख के अगर आए मौत भी हंस कर उसे क़तील गले से लगाऊँ मैं

Credit: Social Media

View More Web Stories