दो मुझ को बद-दुआ कि उसे भूल जाऊँ मैं...पढ़ें Qateel Shifai की गजलें
मोहब्बत
यारों कहां तक और मोहब्बत निभाऊँ मैं, दो मुझ को बद-दुआ कि उसे भूल जाऊँ मैं
Credit: Social Mediaदिल
दिल तो जला किया है वो शो'ला सा आदमी, अब किस को छू के हाथ भी अपना जलाऊँ मैं
Credit: Social Mediaज़िन्दगी
सुनता हूँ अब किसी से वफ़ा कर रहा है वो, ऐ ज़िन्दगी ख़ुशी से कहीं मर न जाऊँ मैं
Credit: Social Mediaक़त्ल
बदनाम मेरे क़त्ल से तन्हा तू ही न हो, ला अपनी मोहर भी सर-ए-महज़र लगाऊं मैं
Credit: Social Mediaइल्हाम
उतरा है बाम से कोई इल्हाम की तरह, जी चाहता है सारी ज़मीं को सजाऊँ मैं
Credit: Social Mediaमौत
उस जैसा नाम रख के अगर आए मौत भी हंस कर उसे क़तील गले से लगाऊँ मैं
Credit: Social Media View More Web Stories