नहीं आती तो याद उन की महीनों तक नहीं आती, पढ़िये हसरत मोहानी की बेहतरीन शायरी...


2023/12/25 15:51:25 IST

याद

    नहीं आती तो याद उन की महीनों तक नहीं आती , मगर जब याद आते हैं तो अक्सर याद आते हैं

महफ़िल

    तेरी महफ़िल से उठाता ग़ैर मुझ को क्या मजाल , देखता था मैं कि तू ने भी इशारा कर दिया

ख़याल

    आईने में वो देख रहे थे बहार-ए-हुस्न, आया मिरा ख़याल तो शर्मा के रह गए

तस्वीर

    कहने को तो मैं भूल गया हूँ मगर ऐ यार , है ख़ाना-ए-दिल में तिरी तस्वीर अभी तक

अयादत

    देखने आए थे वो अपनी मोहब्बत का असर , कहने को ये है कि आए हैं अयादत कर के

दुश्मनी

    ऐसे बिगड़े कि फिर जफ़ा भी न की , दुश्मनी का भी हक़ अदा न हुआ

दर्द

    और तो पास मिरे हिज्र में क्या रक्खा है , इक तिरे दर्द को पहलू में छुपा रक्खा है

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