Mulakat Poet: न जी भर के देखा न कुछ बात की, बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की


2024/02/12 23:30:22 IST

मुलाक़ात

    ये मुलाक़ात मुलाक़ात नहीं होती है, बात होती है मगर बात नहीं होती है

Credit: pixbay

दिल ना-उमीद

    दिल ना-उमीद तो नहीं नाकाम ही तो है, लम्बी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है

Credit: pixbay

ज़िंदगी

    उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो, न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए

Credit: pixbay

मुलाकात

    जाने वाले से मुलाकात न होने पाई, दिल की दिल में ही रही बात न होने पाई

Credit: pixbay

मुलाक़ात

    क्या कहूँ उस से कि जो बात समझता ही नहीं, वो तो मिलने को मुलाक़ात समझता ही नहीं

Credit: pixbay

वक़्त-ए-मुलाक़ात

    ग़ैरों से तो फ़ुर्सत तुम्हें दिन रात नहीं है, हाँ मेरे लिए वक़्त-ए-मुलाक़ात नहीं है

Credit: pixbay

मुलाक़ात

    नक़्शा उठा के कोई नया शहर ढूँढ़िए, इस शहर में तो सब से मुलाक़ात हो गई

Credit: pixbay

View More Web Stories