Mulakat Poet: न जी भर के देखा न कुछ बात की, बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की
मुलाक़ात
ये मुलाक़ात मुलाक़ात नहीं होती है,
बात होती है मगर बात नहीं होती है
Credit: pixbayदिल ना-उमीद
दिल ना-उमीद तो नहीं नाकाम ही तो है,
लम्बी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है
Credit: pixbayज़िंदगी
उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो,
न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए
Credit: pixbayमुलाकात
जाने वाले से मुलाकात न होने पाई,
दिल की दिल में ही रही बात न होने पाई
Credit: pixbayमुलाक़ात
क्या कहूँ उस से कि जो बात समझता ही नहीं,
वो तो मिलने को मुलाक़ात समझता ही नहीं
Credit: pixbayवक़्त-ए-मुलाक़ात
ग़ैरों से तो फ़ुर्सत तुम्हें दिन रात नहीं है,
हाँ मेरे लिए वक़्त-ए-मुलाक़ात नहीं है
Credit: pixbayमुलाक़ात
नक़्शा उठा के कोई नया शहर ढूँढ़िए,
इस शहर में तो सब से मुलाक़ात हो गई
Credit: pixbay View More Web Stories