आशिक़ी में बहुत ज़रूरी है, बेवफ़ाई कभी कभी करना, पढ़े इशक पर बेहतरीन शेर
ख़त
प्यार का पहला ख़त लिखने में वक़्त तो लगता है, नए परिंदों को उड़ने में वक़्त तो लगता है
ख़ुशी
चंद कलियाँ नशात की चुन कर मुद्दतों महव-ए-यास रहता हूँ, तेरा मिलना ख़ुशी की बात सही तुझ से मिल कर उदास रहता हूँ
आशिक़ी
आशिक़ी में बहुत ज़रूरी है, बेवफ़ाई कभी कभी करना
मोहब्बत
इलाज अपना कराते फिर रहे हो जाने किस किस से, मोहब्बत कर के देखो ना मोहब्बत क्यूँ नहीं करते
खेल
इक रोज़ खेल खेल में हम उस के हो गए, और फिर तमाम उम्र किसी के नहीं हुए
मुसीबत
अज़िय्यत मुसीबत मलामत बलाएँ, तिरे इश्क़ में हम ने क्या क्या न देखा
दिल-ए-नाकाम
जब हुआ ज़िक्र ज़माने में मोहब्बत का 'शकील', मुझ को अपने दिल-ए-नाकाम पे रोना आया
इश्क़ की चोट
इश्क़ की चोट का कुछ दिल पे असर हो तो सही, दर्द कम हो या ज़ियादा हो मगर हो तो सही
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