निधिवन में आज भी रास रचाते हैं श्रीकृष्ण, शाम ढलते ही प्रवेश पर है पाबंदी
भगवान श्रीकृष्ण
वृंदावन भगवान श्रीकृष्ण की सबसे प्रिय जगह रही हैं. इस स्थान को कृष्ण की भूमि कहा जाता है. यहां पर कई प्राचीन मंदिर स्थित हैं.
Credit: googleनिधिवन
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वृंदावन में स्थित निधिवन में भगवान श्रीकृष्ण राधा और गोपियों के साथ नृत्य करते थे. हर शाम राधा कृष्ण रास रचाते थे.
Credit: googleनिधिवन का रहस्य
ऐसी मान्यता है कि आज भी निधि वन में भगवान श्रीकृष्ण एवं श्रीराधा अर्द्धरात्रि के बाद रास रचाते हैं.
Credit: googleरंगमहल में शयन
माता जाता है कि राधे-कृष्ण रास के बाद निधिवन परिसर में स्थिर रंगमहल में शयन करते हैं. यहां पर रोज प्रसाद के रूप में लड्डू-माखन मिश्री रखा जाता है.
Credit: googleविश्राम करते हैं श्रीकृष्ण
रंगमहल के कपाट सुबह 5.30 बजे खुलते हैं तो उनके लिए रखी दातून गीली मिलती है, श्रृंगार का सामान बिखरा और पलंग की चादर भी बिगड़ी रहती है.
Credit: googleवृक्षों का आकार
निधिवन करीब दो ढ़ाई एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है. इनमें किसी भी वृक्ष के तने सीधे नहीं मिलेंगे. इन वृक्षों की डालियां एक-दूसरे गुंथी हैं और नीचे की ओर झुकी हैं. रात को ये सभी पेड़ गोपियों का रुप धारण कर लेते हैं.
Credit: googleशाम के बाद प्रवेश निषेध
निधिवन में रात 8 बजे के बाद प्रवेश निषेध है. पशु-पक्षी, परिसर के बंदर, भक्त, पुजारी सभी यहां से चले जाते हैं. जो रात को रूक जाते हैं वो सामान्य जीवन नहीं बिता पाते.
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