भगवान विष्णु ने बचाए थे प्रह्लाद के प्राण, आग में जलकर खाक हुई होलिका
होलिका दहन
देश में हर साल होली का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. इससे एक दिन पहले होली का दहन की पूजा की जाती है.
Credit: google प्रह्लाद की कथा
होली के त्योहार से प्रह्लाद की कथा जुड़ी है, जिसे उसके माता पिता ने कई बार मारने की कोशिश की थी.
Credit: google हिरण्यकश्यप
सतयुग में हिरण्यकश्यप राक्षसों का राजा था. भगवान विष्णु की घोर तपस्या के बाद उसे ब्रह्मा से अमर होने का वरदान मिला, लेकिन इसके बाद वह घमंडी हो गया.
Credit: google प्रह्लाद को मारने की कोशिश
हिरण्यकश्यप खुद को भगवान मानने लगा और उसका बेटा नारायण की पूजा-अर्चना करने लगा जो हिरण्यकश्यप को पसंद नहीं आई. उसने अपने बेटे को मारने की कोशिशि की.
Credit: google होलिका के साथ साजिश
हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका के साथ षड़यंत्र रचा. उसने वरदान था कि उसे अग्नि नहीं जला सकती और वो प्रह्लाद को लेकर आग में बैठ गई.
Credit: google प्रह्लाद की बची जान
होलिका को वरदान था कि वो अकेली आग में जाएगी तो उसे कुछ नहीं होगी. लेकिन वो प्रह्लाद को लेकर आग में गई. फिर होलिका जल गई और भगवान विष्णु ने भक्त प्रह्लाद को बचा लिया.
Credit: google गुलाल
उसी दिन से होली को जलाने और भक्त प्रह्लाद के बचने की खुशी में अगले दिन रंग गुलाल लगाए जाते हैं.
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