क्यों मनाया जाता है ईस्टर संडे
यीशु मसीह का पुनरुत्थान
ईस्टर संडे उस दिन की याद दिलाता है जब यीशु मसीह अपनी मृत्यु के तीन दिन बाद पुनः जीवित हुए थे. यह ईसाई धर्म की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक मानी जाती है.
Credit: Freepikगुड फ्राइडे के बाद आता है ईस्टर
गुड फ्राइडे के दो दिन बाद ईस्टर संडे मनाया जाता है. गुड फ्राइडे वह दिन है जब यीशु को सूली पर चढ़ाया गया था.
Credit: Freepikआशा और नई शुरुआत का प्रतीक
यह दिन जीवन में नई शुरुआत, आशा और पुनर्जन्म का संदेश देता है. यह बताता है कि अंधकार के बाद उजाला जरूर आता है.
Credit: Freepikचर्चों में विशेष प्रार्थना सभाएं
इस दिन चर्चों में विशेष प्रार्थनाएं होती हैं, जहां श्रद्धालु प्रभु यीशु के जीवन और शिक्षा को याद करते हैं.
Credit: Freepikरंग-बिरंगे अंडों की परंपरा
ईस्टर पर रंगीन अंडे सजाने और बांटने की परंपरा है. यह जीवन और पुनर्जन्म का प्रतीक माने जाते हैं.
Credit: Freepikशांति, प्रेम और क्षमा का संदेश
यीशु मसीह ने पुनरुत्थान के बाद अपने शिष्यों को प्रेम, शांति और क्षमा का संदेश दिया, जिसे आज भी याद किया जाता है.
Credit: Freepikपरिवार और समाज के साथ मनाना
लोग इस दिन अपने परिवार और मित्रों के साथ त्योहार की शुभकामनाएं साझा करते हैं और ईस्टर का जश्न मिलजुल कर मनाते हैं.
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