हवन के समय क्यों बोला जाता है स्वाहा


2024/11/20 13:46:44 IST

हवन

    जब हवन किया जाता है, तो यज्ञ के दौरान हवन कुंड में हवन की सामग्री अर्पित करते समय स्वाहा शब्द का उच्चारण किया जाता है.

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स्वाहा ही क्यों बोला जाता है?

    लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिरी स्वाहा ही क्यों बोला जाता है? अगर नहीं तो चलिए जानते हैं.

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धार्मिक मान्यता

    धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, अग्निदेव की पत्नी का नाम स्वाहा था जो दक्ष प्रजापति की पुत्री थी.

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स्वाहा शब्द का अर्थ

    स्वाहा शब्द का अर्थ है, सही रीति से पहुंचाना. हवन के दौरान, हर मंत्र के बाद स्वाहा कहा जाता है, जिससे यह दर्शाया जाता है कि यह अर्पण देवताओं के लिए समर्पित किया जा रहा है.

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कथा के मुताबिक

    एक कथा के मुताबिक, प्राचीन समय में अग्नि देव के पास भस्म करने की शक्ति नहीं थी. इसलिए, स्वाहा को यह आदेश दिया गया कि वे अग्निदेव के साथ रहें.

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अग्नि देव

    इसके बाद से ही जब कोई चीज़ अग्नि देव को अर्पित की जाती थी, तो स्वाहा उसे भस्म कर देवी-देवताओं तक पहुंचा देती थीं.

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भगवान कृष्ण

    भगवान कृष्ण ने स्वाहा को वरदान दिया था कि उनके नाम से ही देवता हविष्य (आहुति देने की सामग्री) ग्रहण करेंगे.

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