जब बॉयकॉट हुआ था ओलंपिक: मारे गए 200 छात्र, खिलाड़ियों को सजा
1968 की कहानी
1968 के ओलंपिक पर खून के दाग लगे थे. यहां ओपनिंग सेरेमनी से ठीक 10 दिन पहले 200 छात्र मार दिए गए थे.
Credit: freepikछात्रों का प्रदर्शन
2 अक्टूबर 1968 ओपनिंग से ठीक हजारों की संख्या में छात्र मेक्सिको में इकट्ठा होकर प्रदर्शन करे थे.
Credit: freepikक्या थी मांग
छात्रों की मांग थी कि सरकार ओलंपिक में इतने पैसे लगाने की जगह सारा पैसा देश के और लोगों के हित में लगाए.
Credit: freepikशूट करने के आदेश
छात्रों का आंदोलन शांतिपूर्ण था. इसके बाद भी मेक्सिको सरकार ने उन पर शूट करने के आदेश दे दिए थे.
Credit: freepik300 स्नाइपर्स का हमला
प्रदर्शन स्थल के आस-पास की छतों पर 300 से ज्यादा स्नाइपर तैनात थे उन्होंने अचानक छात्रों पर फायर कर दिया.
Credit: freepik2 से 3 सौ की मौत
छात्रों पर बरसी गोली में कुछ मिनट के अंदर ट्लाटेलोल्को प्लाजा 200-300 शवों जमीन पर थे. कई लोग घायल हुए थे.
Credit: freepikखिलाड़ियों को सजा
जब ओलंपिक शुरू हुआ तो खिलाड़ियों ने अपने तरीके से विरोध किया. लेकिन उन्हें भी सजा के तौर पर प्रतिबंध मिले.
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