सूझबूझ ऐसी कि मुग़ल बादशाह को दिया चकमा, क़ैद से ऐसे आजाद हुए शिवाजी!
औरंगजेब का निमंत्रण
एक दिन शिवाजी को चिट्ठी मिली, जिसमें उन्हें औरंगजेब के दरबार में आने का निमंत्रण मिला.
Credit: Social Mediaशिवाजी को हुई गलतफहमी
शिवाजी को लगा कि शायद मुलाकात के बाद वो उन्हें दक्कन में अपना वायसराय बनाने की घोषणा करेंगे.
Credit: Social Mediaजयपुर सराय में ठहराया गया
जब वो मिलने गए तो बादशाह ने उन्हें आगरा शहर से बाहर जयपुर सराय में ठहराने का आदेश जारी किया. मुगल सैनिक चुपचाप इनकी निगरानी करने में जुट गए.
Credit: Social Mediaऔरंगजेब की चाल समझ गए
बादशाह के आदेश में शिवाजी को भवन नहीं छोड़ने की बात कही गई थी. शिवाजी औरंगजेब की मंशा को समझ गए थे, और औरंगजेब ने उनको कैद कर लिया.
Credit: Social Mediaखुश रहते थे शिवाजी
हालात को समझते हुए शिवाजी ने अपनी रणनीति में बदलाव किया. वो मायूस होने की जगह खुश रहने लगे. शिवाजी ने सैनिकों के लिए खाने-पीने की चीजें भिजवानी शुरू की.
Credit: Social Mediaदर्द का बहाना
नतीजा, शुरुआती कुछ दिनों के बाद इनसे मिलने वालों की तलाशी लेनी बंद कर दी गई. एक दिन शिवाजी ने दर्द का बहाना बनाया, वो इतना तेज कराहने लगे कि आवाजें महल के बाहर खड़े सैनिकों को सुनाई देनी लगी.
Credit: Social Mediaटोकरी में बैठकर निकले बाहर
इस दौरान भी वो बड़े-बड़े संदूक और टोकरियों में फल और खाने-पीने की चीजें बाहर भिजवाने लगे थे. इसी का फायदा उठाते हुए तलाशी ना होने की वजह से वो टोकरी में बैठे और उनके अर्दलियों ने उन्हें बाहर निकाल गए.
Credit: Social Mediaअपनी जगह भाई को लिटाया
शिवाजी ने बिस्तर पर अपनी जगह सौतेले भाई हीरोजी फरजांद को लिटा दिया. वह डेढ़ दिन तक ऐसे ही लेटे रहे.
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