चाँद पर मशहूर शायरी....


2023/07/24 13:40:03 IST

'चाँद'

    उस के चेहरे की चमक के सामने सादा लगा, आसमाँ पे 'चाँद' पूरा था मगर आधा लगा

'चाँद'

    कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तिरा, कुछ ने कहा ये 'चाँद' है कुछ ने कहा चेहरा तिरा

'चाँद'

    ईद का 'चाँद' तुम ने देख लिया, चाँद की ईद हो गई होगी

चाँद'

    हर एक रात को 'महताब' देखने के लिए, मैं जागता हूँ तिरा ख़्वाब देखने के लिए

'चाँद'

    इतने घने बादल के पीछे, कितना तन्हा होगा 'चाँद'

'चाँद'

    वो 'चाँद' कह के गया था कि आज निकलेगा, तो इंतिज़ार में बैठा हुआ हूँ शाम से मैं

'चाँद'

    बेचैन इस क़दर था कि सोया न रात भर, पलकों से लिख रहा था तिरा नाम 'चाँद' पर

'चाँद'

    'चाँद' भी हैरान दरिया भी परेशानी में है, अक्स किस का है कि इतनी रौशनी पानी में है

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