जानता हूँ एक ऐसे शख़्स को मैं भी मुनीर ग़म से पत्थर हो गया लेकिन कभी रोया नहीं, पढ़ें पाकिस्तानी शायरी
पाकिस्तानी शायरी
पाकिस्तान के अनेक शायर जिनके द्वारा उर्दू पाकिस्तानी शायरी लिखी गई.
Credit: सोशल मीडिया करेंगे तारीफ
जिसको पढ़ने के बाद आप भी तारीफ करेंगे.
Credit: सोशल मीडिया गीराना आता है
नशा पिला के गीराना तो सब को आता है, मज़ा तो जब है के गिरतों को थाम ले साकी.
Credit: सोशल मीडिया ख़ूब-सूरत लब
ये समझ के माना है सच तुम्हारी बातों को, इतने ख़ूब-सूरत लब झूट कैसे बोलेंगे.
Credit: सोशल मीडिया ज़ेहन में आता है
मैं तेरा कुछ भी नहीं हूँ मगर इतना तो बता, देख कर मुझ को तिरे ज़ेहन में आता क्या है.
Credit: सोशल मीडिया कुछ तो ज़िक्र करो
यारो कुछ तो ज़िक्र करो तुम उस की क़यामत बाँहों का, वो जो सिमटते होंगे उन में वो तो मर जाते होंगे.
Credit: सोशल मीडिया एक ऐसा शख़्स
जानता हूँ एक ऐसे शख़्स को मैं भी ‘मुनीर’, ग़म से पत्थर हो गया लेकिन कभी रोया नहीं.
Credit: सोशल मीडिया तुझको है वास्ता
कैसे कहें कि तुझको भी हम से है वास्ता कोई, तू ने तो हम से आज तक कोई गिला नहीं किया.
Credit: सोशल मीडिया View More Web Stories