जॉन एलिया की शायरी, जो मोहब्बत के लिए कर देगी मजबूर!
Jaun Elia
मेरी बाँहों में बहकने की सज़ा भी सुन ले,
अब बहुत देर में आज़ाद करूँगा तुझ को
Jaun Elia
मुझे अब तुम से डर लगने लगा है,
तुम्हें मुझ से मोहब्बत हो गई क्या
Jaun Elia
इलाज ये है कि मजबूर कर दिया जाऊँ,
वगरना यूँ तो किसी की नहीं सुनी मैं ने
Jaun Elia
उस गली ने ये सुन के सब्र किया,
जाने वाले यहाँ के थे ही नहीं
Jaun Elia
क्या कहा इश्क़ जावेदानी है!
आख़िरी बार मिल रही हो क्या
Jaun Elia
तुम्हारा हिज्र मना लूँ अगर इजाज़त हो,
मैं दिल किसी से लगा लूँ अगर इजाज़त हो
Jaun Elia
दिल की तकलीफ़ कम नहीं करते,
अब कोई शिकवा हम नहीं करते
Jaun Elia
बिन तुम्हारे कभी नहीं आई,
क्या मिरी नींद भी तुम्हारी है
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