शकील बदायूनी के 10 बेहतरीन शेर....
शकील बदायूनी
कैसे कह दूँ कि मुलाक़ात नहीं होती है,
रोज़ मिलते हैं मगर बात नहीं होती है
शकील बदायूनी
उन का ज़िक्र उन की तमन्ना उन की याद,
वक़्त कितना क़ीमती है आज कल
शकील बदायूनी
मेरे हम-नफ़स मेरे हम-नवा मुझे दोस्त बन के दग़ा न दे,
मैं हूँ दर्द-ए-इश्क़ से जाँ-ब-लब मुझे ज़िंदगी की दुआ न दे
शकील बदायूनी
कभी यक-ब-यक तवज्जोह कभी दफ़अतन तग़ाफ़ुल,
मुझे आज़मा रहा है कोई रुख़ बदल बदल कर
शकील बदायूनी
मुझे दोस्त कहने वाले ज़रा दोस्ती निभा दे,
ये मुतालबा है हक़ का कोई इल्तिजा नहीं है
शकील बदायूनी
उन्हें अपने दिल की ख़बरें मिरे दिल से मिल रही हैं,
मैं जो उन से रूठ जाऊँ तो पयाम तक न पहुँचे
शकील बदायूनी
मोहब्बत ही में मिलते हैं शिकायत के मज़े पैहम,
मोहब्बत जितनी बढ़ती है शिकायत होती जाती है
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