फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की 10 बेहतरीन शायरी.....
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
इक गुल के मुरझाने पर क्या गुलशन में कोहराम मचा,
इक चेहरा कुम्हला जाने से कितने दिल नाशाद हुए
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
अब जो कोई पूछे भी तो उस से क्या शरह-ए-हालात करें,
दिल ठहरे तो दर्द सुनाएँ दर्द थमे तो बात करें
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
अब जो कोई पूछे भी तो उस से क्या शरह-ए-हालात करें,
दिल ठहरे तो दर्द सुनाएँ दर्द थमे तो बात करें
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
आए कुछ अब्र कुछ शराब आए,
इस के बाद आए जो अज़ाब आए
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
है वही बात यूँ भी और यूँ भी,
तुम सितम या करम की बात करो
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
अब के ख़िज़ाँ ऐसी ठहरी वो सारे ज़माने भूल गए,
जब मौसम-ए-गुल हर फेरे में आ आ के दोबारा गुज़रे था
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल कब रात बसर होगी,
सुनते थे वो आएँगे सुनते थे सहर होगी
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
कब तक दिल की ख़ैर मनाएँ कब तक रह दिखलाओगे,
कब तक चैन की मोहलत दोगे कब तक याद न आओगे
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
गर बाज़ी इश्क़ की बाज़ी है जो चाहो लगा दो डर कैसा,
गर जीत गए तो क्या कहना हारे भी तो बाज़ी मात नहीं
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