अकबर इलाहाबादी के 10 मशहूर शेर......
अकबर इलाहाबादी
अब तो है इश्क़-ए-बुताँ में ज़िंदगानी का मज़ा,
जब ख़ुदा का सामना होगा तो देखा जाएगा
अकबर इलाहाबादी
लोग कहते हैं कि बदनामी से बचना चाहिए,
कह दो बे उसके जवानी का मज़ा मिलता नहीं
अकबर इलाहाबादी
उन्हीं की बे-वफ़ाई का ये है आठों-पहर सदमा,
वही होते जो क़ाबू में तो फिर काहे को ग़म होता
अकबर इलाहाबादी
इलाही कैसी कैसी सूरतें तू ने बनाई हैं,
कि हर सूरत कलेजे से लगा लेने के क़ाबिल है
अकबर इलाहाबादी
आँखें मुझे तलवों से वो मलने नहीं देते,
अरमान मिरे दिल के निकलने नहीं देते
अकबर इलाहाबादी
इश्क़-ए-बुताँ का दीन पे जो कुछ असर पड़े,
अब तो निबाहना है जब इक काम कर पड़े
अकबर इलाहाबादी
इस गुलिस्ताँ में बहुत कलियाँ मुझे तड़पा गईं,
क्यूँ लगी थीं शाख़ में क्यूँ बे-खिले मुरझा गईं
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