भारत सहित दुनिया के लगभग सभी देशों में मोटर कार और सभी इलेक्ट्रॉनिक सामानों में सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल होता है। यह सेमीकंडक्टर वाहनों और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामानों को गाइड करने का काम करती हैं। 2 दिन पहले भारत और अमेरिका के बीच सेमीकंडक्टर के युवाओं को लेकर बड़ी डील हुई है इसीलिए दोनों देश खासे उत्साहित हैं। इसकी वजह यह भी है कि दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र को छोड़कर अन्य उद्योगों में आपसी समझौते काफी कम थे। लेकिन इस समझौते से काफी हद तक उस मित्र को तोड़ा जा सकेगा जिसमें यह कहा जाता रहा है कि अमेरिका और भारत के बीच सिर्फ रक्षा सौदों और उनसे जुड़ी तकनीक को लेकर ही करार होता रहा है।
पूरी दुनिया में सेमीकंडक्टर बनाने का 70 फिजिकल इकलौते एक देश ताइवान में होता है। बाकी बचा कुचा काम चीन जापान और अमेरिका जैसे देशों में हो रहा है। कोरोना काल में सेमीकंडक्टर को लेकर विश्व में आई कमी को लेकर सभी देश चिंतित थे। इसका असर यह रहा कि भारत में पिछले वर्ष वाहन बनाने वाली लगभग सभी कंपनियों की वेटिंग लिस्ट 6 महीने से 1 साल के बीच पहुंच गई थी। कोई भी कंपनी शोरूम से तत्काल वाहन की डिलीवरी करने में सक्षम नहीं रहा था। तभी से देश के प्रधानमंत्री और केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय ने स्थानीय स्तर पर सेमीकंडक्टर के निर्माण को लेकर योजना बनानी शुरू कर दी थी।
इसे अमलीजामा पहनाया जा सकता है भारत अमेरिका के बीच सेमीकंडक्टर को लेकर हुए करार का महत्वपूर्ण पहलू यह है कि सेमीकंडक्टर का निर्माण भारत में ही होगा और इसके तकनीकी सहयोग का काम अमेरिका करेगा। यही नहीं इसमें निर्माण में होने वाली सिलिकॉन जैसे आइटम को भी अमेरिका भारत को देने में पूरी तरह मदद करेगा। इस ऐतिहासिक समझौते से आने वाले दिनों में भारत में इलेक्ट्रॉनिक सामान और वाहन निर्माण के क्षेत्र में अजीबोगरीब पर आंधी आने वाली है। इसकी वजह से देश में सैकड़ों फैक्ट्रियां लगेंगी। यही नहीं देश में वाहन निर्माण एवं कंप्यूटर मोबाइल जैसे इलेक्ट्रॉनिक सामानों पर भी निर्माण स्तर बढ़ेगा। हालांकि भारत पहले भी मोबाइल के मैन्युफैक्चरिंग में काफी कदम आगे बढ़ा चुका है।
बावजूद इसके नए समझौते से इस क्षेत्र में और भी प्रकृति की गुंजाइश बढ़ेगी। भारत की ओर से वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद कहा कि यह समझौता भारत और अमेरिका के बीच ऐतिहासिक है। इससे दोनों देशों के बीच न सिर्फ व्यापारिक आदान-प्रदान होगा बल्कि इससे दोनों देशों के संबंधों में और भी मजबूती आएगी। पिछले दो दशकों से दोनों देशों के बीच लगातार संबंध सुधरने के साथ और मजबूत हो रहे हैं। नया समझौता इस कड़ी में मील का पत्थर साबित होगा। इस समझौते से भारत में लाखों युवाओं को रोजगार मिलेगा और भारत की पहचान दुनिया में सेमीकंडक्टर बनाने वाले देश के रूप में होगी। आने वाला समय में इलेक्ट्रॉनिक और उनसे जुड़ी चीजों के लिए जाना जाएगा। यह किसी से बात छिपी नहीं है कि इन सभी सामानों में सेमीकंडक्टर प्रमुखता से उपयोग किया जाता है। First Updated : Sunday, 12 March 2023