बलोचिस्तान में चीनियों पर चौतरफा मार, बर्बाद होता पाकिस्तान
पाकिस्तान के बलोचिस्तान प्रांत में अब चीनियों का रहना मुश्किल हो गया है।बहुत सारे चीनी नागरिक वहां बलोच क्रांतिकारियों के हमलों से जान बचाकर भागने लगे हैं। दरअसल चीन, पाकिस्तान सरकार के इशारों पर बलोचिस्तान के संसाधनों पर कब्जा करना चाहता
पाकिस्तान के बलोचिस्तान प्रांत में अब चीनियों का रहना मुश्किल हो गया है।बहुत सारे चीनी नागरिक वहां बलोच क्रांतिकारियों के हमलों से जान बचाकर भागने लगे हैं। दरअसल चीन, पाकिस्तान सरकार के इशारों पर बलोचिस्तान के संसाधनों पर कब्जा करना चाहता है।सीपैक परियोजना के तहत चीन बलोचिस्तान के ग्वादर में ऑयल रिफाइनरियां लगा रहा है
इतना ही नहीं चीन, बलोचिस्तान के कुदरती संसाधनों पर कब्जा कर रहा है जिसका बलोच क्रांतिकारी लगातार विरोध कर रहे हैं।सबसे अहम बात ये है खुद को चीन के हाथों गिरवी रख चुके पाकिस्तान को बलोचिस्तान और वहां की जनता के हितों से कोई लेना-देना नहीं है।
पाकिस्तान की फौज और आईएसआई कई बलोच नौजवानों को अगवा कर चुकी है जिनमें ना सिर्फ बच्चे हैं, बड़े और बुजुर्ग सब हैं।पाकिस्तान चाहता है कि चीनी इंजीनियर बलोचिस्तान में जो काम कर रहे हैं ,उन्हें बलोच युवा ना छेड़ें।जबकि हकीकत ये है कि अब तक हजारों बलोच युवा मारे जा चुके हैं और उन्हें चीन का विरोध करना भारी पड़ रहा है।लेकिन वह मिशन में जुटे हुए हैं।
अब तो बलोचिस्तान की अवाम चीनीयों को बर्दाश्त नहीं करना चाहती।चीनियों पर लगातार हमले हो रहे हैं।क्योंकि बलोचिस्तान के कुदरती संसाधनों पर चीन कब्जा करना चाहता है।इतना ही नहीं, गरीब बलोच अवाम को ग्वादर के समुद्र में मछलियां पकड़ने से रोका जा रहा है। चायनीज ट्रोलर्स को खुली छूट मिली हुई है और बलोचियों का हक मारा जा रहा है। यही वजह है कि वहां चीनियों से लगातार झड़पें हो रही हैं।
बलोचिस्तान के लोग पाकिस्तान के खूनी पंजे से आज़ाद होना चाहते हैं।इसलिए अब उनका संघर्ष बहुत लंबा हो चुका है।ये लोग साफ कहते हैं बलोचिस्तान , पाकिस्तान का हिस्सा नहीं है।इस पर पाकिस्तान की सेना ने जबरन कब्जा किया हुआ है।पाकिस्तान में पंजाबियों को छोड़ दिया जाए तो सिंधियों,बलोचियों ,पश्तूनों और मोहाजिरों के साथ जबर्दस्त भेदभाव होता है।यही वजह है ये लोग पाकिस्तान के खिलाफ बगावत कर चुके हैं।उनका कहना है कि पाकिस्तान एक नाकाम राष्ट्र है।
अभी एक खबर ये मिली थी कि बलोचों के एक गुट ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान से हाथ मिला लिया है ।हालांकि इस गठजोड़ की फिलहाल तस्दीक नहीं हो सकी है।लेकिन इससे पाकिस्तानी फौज के हाथ -पांव फूल गये हैं।हकीकत ये है कि अब तक ये लोग पाकिस्तान से लगी अफगान सीमा पर पाकिस्तानी फौज को मार रहे थे ,अब ये राजधानी इस्लामाबाद पहुंच चुके हैं।वहां एक आत्मघाती हमला भी हो चुका जिसमें 1 पुलिसकर्मी मारा गया।साल 2023 दस्तक दे रहा है और पाकिस्तान बर्बादी की ओर बढ़ रहा है।
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