America: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब गर्भपात कराना संवैधानिक अधिकार नहीं रहा

अमेरिका में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब गर्भपात कराना संवैधानिक अधिकार नहीं रहा है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक

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अमेरिका में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब गर्भपात कराना संवैधानिक अधिकार नहीं रहा है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक ऐतिहासिक फैसले में गर्भपात के अधिकार को समाप्त कर दिया। अदालत नेे 1973 के ‘रोए बनाम वेड’ के फैसले को पलटते हुए यह फैसला सुनाया है। अब अदालत ने पूरे देश के सामने एक प्रभावशाली आदेश पारित कर दिया है।

कोर्ट ने कहा कि अब संविधान गर्भपात का अधिकार प्रदान नहीं करता है। न्यायमूर्ति सैमुअल अलिटो की एक मसौदा राय के लीक होने के एक महीने से अधिक समय बाद यह फैसला आया है। इस फैसले के संबंध में एक महीने पहले न्यायाधीश की यह मसौदा राय लीक हो गई थी कि अदालत गर्भपात को मिले संवैधानिक संरक्षण को समाप्त कर सकती है। मसौदा राय के लीक होने के बाद अमेरिका में लोग सड़कों पर उतर आए थे।

अदालत का फैसला अधिकतर अमेरिकियों की इस राय के विपरीत है कि 1973 के रो बनाम वेड फैसले को बरकरार रखा चाहिए, जिसमें कहा गया था कि गर्भपात कराना या न कराना, यह तय करना महिलाओं का अधिकार है। इससे अमेरिका में महिलाओं को सुरक्षित गर्भपात का अधिकार मिल गया था। अब अमेरिका के अलग-अलग राज्य अपने मुताबिक गर्भपात पर प्रतिबंध लगा सकते हैं। शुक्रवार के नतीजे से लगभग आधे राज्यों में गर्भपात पर प्रतिबंध लगने की उम्मीद है।

इस मामले को लेकर अगर अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो फैसला आने के बाद अब अलबामा, जॉर्जिया, इंडियाना समेत अमेरिका के लगभग 24 राज्यों में गर्भपात पर प्रतिबंध लग सकता है। अमेरिका की एक बड़ी आबादी का मानना है कि गर्भपात उनका मौलिक अधिकार है और सुप्रीम कोर्ट उनसे यह अधिकार नहीं छीन सकता है। कोर्ट के इस फैसले के साथ ही अमेरिका में बवाल भी शुरू हो गया है।

बड़ी संख्या में महिलाएं सुप्रीम कोर्ट के सामने खड़े होकर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। राष्ट्र को संबोधित करेंगे जो बाइडेन अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन सुप्रीम कोर्ट की ओर से गर्भपात के लिए संवैधानिक सुरक्षा को खत्म करने के बाद शुक्रवार को व्हाइट हाउस से देश को संबोधित करेंगे। अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने कई साल पहले रो बनाम वेड मामले में दिए गए फैसले को पलटते हुए गर्भपात के लिए संवैधानिक संरक्षण को समाप्त कर दिया है। First Updated : Saturday, 25 June 2022