Europe में Monkeypox से पहली मौत

मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों ने अब डराना शुरू कर दिया है। मंकीपॉक्स का खतरा धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। इस बीमारी के सबसे ज्यादा 70 फीसदी मामले यूरोप में सामने आए हैं। इस बीमारी से लोगों की जान तक जा

Sagar Dwivedi
Edited By: Sagar Dwivedi
मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों ने अब डराना शुरू कर दिया है। मंकीपॉक्स का खतरा धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। इस बीमारी के सबसे ज्यादा 70 फीसदी मामले यूरोप में सामने आए हैं। इस बीमारी से लोगों की जान तक जा रही है। यूरोप के स्पेन में मंकीपॉक्स से एक व्यक्ति की मौत हो गई है। ये यूरोप की पहली मौत मानी जा रही है। दुनिया में अब तक मंकीपॉक्स से 7 लोगों की मौत हो चुकी है। 5 लोग अफ्रीकी देशों से थे। यहां मंकीपॉक्स को महामारी माना जाता है। एक मौत 29 जुलाई को साउथ अमेरिकी देश ब्राजील में दर्ज की गई। वहीं, एक और मौत 30 जुलाई को स्पेन में दर्ज की गई। स्पेन के हेल्थ डिपार्टमेंट के मुताबिक, देश में करीब 4,298 लोग मंकीपॉक्स की चपेट में आए हैं। इनमें से 120 लोगों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। एक आंकड़े के मुताबिक 88 देशों में अबतक 22,717 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से यूरोप में सबसे ज्यादा करीब 14 हजार लोग मंकीपॉक्स की चपेट में आए हैं।
 
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपॉक्स को लेकर पूरी दुनिया में हेल्थ इमरजेंसी घोषित की है। WHO ने कहा कि ये बीमारी मरीज से स्किन टु स्किन कॉन्टैक्ट करने से या फिर उसे खाना खिलाने से भी फैलती है। इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, बर्तन और बिस्तर छूने से भी मंकीपॉक्स फैल सकता है। मंकीपॉक्स अफ्रीकी देशों में कॉमन बीमारी है। WHO की मानें तो इस बार हुए महामारी में मंकीपॉक्स के लक्षण पहले से काफी अलग हैं। फिलहाल 80 फीसदी से ज्यादा मामलों में पूरे शरीर में दाने उभर रहे हैं। वहीं, 50 फीसदी लोगों को बुखार ओर 40 फीसदी लोगों के प्राइवेट पार्ट्स में मवाद से भरे दाने उठ रहे हैं। लैंसेट जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी में वैज्ञानिकों ने लंदन में रहने वाले मंकीपॉक्स के 54 मरीजों की जांच की। ये सभी वे पुरुष हैं जो पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाते हैं। इनमें से केवल 2 मरीजों को अंदाजा नहीं था कि वे किसी संक्रमित के संपर्क में आए हैं। मरीजों में से एक चौथाई HIV पॉजिटिव और एक चौथाई किसी यौन रोग से संक्रमित थे। सभी मरीजों में मुख्य लक्षण मवाद से भरे दाने थे। 94 फीसदी लोगों में यह दाने प्राइवेट पार्ट्स में थे। यानी, वायरस सेक्स के दौरान स्किन टू स्किन कॉन्टैक्ट से संक्रमण फैल रहा है। 
 
रिसर्चर्स के मुताबिक, इससे पहले अफ्रीका में हुए आउटब्रेक्स में यह दाने हमेशा हाथ पर होते थे, जिसका मतलब था कि मरीज ने संक्रमित व्यक्ति को छुआ है। बता दें कि मंकीपॉक्स एक वायरसजनित बीमारी है। इसकी पहचान तेज बुखार, त्वचा के घाव, दाने और लिम्फ नोड्स में सूजन से की जाती है। हालांकि जानकारों की कहना है कि ये बीमारी संक्रमण तो फैलाती है लेकिन इसका मरीज ज्यादातर चार हफ्तों के बीच खुद-ब-खुद ठीक भी हो जाता है। इसलिए इससे ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है और ये कोरोना की तरह तेजी से फैलता भी नहीं है। लेकिन सतर्कता बहुत जरूरी है। सोशल डिस्टेंसिग भी बहुत जरूरी है। हेल्त एक्सपर्ट्स  भी बताते है कि मंकीपॉक्स से घबराने की बिल्कुल जरूरत नहीं है, लोगों को बस ज्यादा अलर्ट रहना होगा। मंकीपॉक्स एक हल्का संक्रमण है, जिसमें चेचक जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं।
calender
30 July 2022, 07:05 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो