अफगानिस्तान के पूर्व उप-राष्ट्रपति का खुलासा, अमेरिका से मदद हासिल करने के लिए पाकिस्तान और टीटीपी की है सीक्रेट डील!
पाकिस्तान में पिछले कुछ दिनों से आतंकी हमलों की संख्या लगातार बढ़ी रही है। बताया जा रहा है कि इन हमलों के पीछे तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) के आतंकियों का हाथ है। इन हमलो पर नकेल कसने के लिए अब पाकिस्तानी सेना अफगानिस्तान में घुसकर टीटीपी के आतंकियों पर कार्रवाई करने की तैयारी में है। वहीं अफगानिस्तान के पूर्व उप-राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने दावा किया है कि पाकिस्तान अमेरिका की मदद हासिल करना चाहता है और इसके लिए टीटीपी का प्रयोग कर रहा है।
पाकिस्तान में पिछले कुछ दिनों से आतंकी हमलों की संख्या लगातार बढ़ी रही है। बताया जा रहा है कि इन हमलों के पीछे तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) के आतंकियों का हाथ है। इन हमलो पर नकेल कसने के लिए अब पाकिस्तानी सेना अफगानिस्तान में घुसकर टीटीपी के आतंकियों पर कार्रवाई करने की तैयारी में है। वहीं अफगानिस्तान के पूर्व उप-राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने दावा किया है कि पाकिस्तान अमेरिका की मदद हासिल करना चाहता है और इसके लिए टीटीपी का प्रयोग कर रहा है।
अमरूल्ला ने कई ट्वीट करते हुए पाकिस्तान पर सवाल उठाए है। सालेह ने अपनी ट्वीट कर लिखा कि अमेरिका पर जब 9/11 हमला हुआ तो कबायली मुखिया जिन्हें मालिक के तौर पर जाना जाता था, उन्होंने फाटा में अमेरिका के साथ हाथ मिलाया था। उनके अमेरिका के साथ जाने के बाद वह जगह खाली रह गई। इसके बाद पाकिस्तान की इंटेलीजेंस एजेंसी ने टीटीपी को तैयार किया।
Roots of d TTP: The tribal chiefs otherwise known as Maliks were seen as potential colaboratrs with US post 911 in FATA.Thus they were massacred in 100s, a void was created & TTP wz brought in by the ISI to fill it.The US was told it isn't Pak army helping Afg Talibs, HQN & AQ🧵
— Amrullah Saleh (@AmrullahSaleh2) January 3, 2023
पूर्व उप-राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका को इस बारे में नहीं बताया गया कि पाकिस्तान आर्मी अफगान तालिबान, हक्कानी और अल कायदा की मदद कर रही है। उन्होंने कहा कि टीटीपी, अफगानिस्तान तालिबान को कवर के तौर पर प्रयोग की गई। सालेह दावा करते हुए कहा कि टीटीपी से लड़ने के नाम पर पाकिस्तान ने सीआईए और पेंटागन से बड़ी आर्थिक मदद हासिल की। उन्हें यह कहा गया कि फाटा में एक आतंकवाद-विरोधी ऑपरेशन चलाया जाना है।
पूर्व उप-राष्ट्रपति सालेह के मुताबिक, टीटीपी के नाम पर पाकिस्तान ने एक जाल बिछाया है। उन्होंने कहा कि टीटीपी और रावलपिंडी ने आपस में हाथ मिलाया हुआ है और खैबर पख्तूनख्वां प्रांत में इनकी नीतियों को ही आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है।
उधर, इस्लामाबाद स्थित पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर पीस स्टडीज की ओर से कहा गया है कि टीटीपी द्वारा होने वाले आतंकी हमलों में तेजी आई है। उन्होंने बताया कि जनवरी से लेकर नवंबर 2022 तक टीटीपी ने 150 हमलों को अंजाम दिया। यह हमले पाकिस्तानी की सेना को निशाना बनाकर किए गए। इन हमलों में 150 से अधिक लोगों की जाने गई। इन आंकडों की मानें तो पाकिस्तानी सेना और आतंकी संगठनों के बीच दुश्मनी लगातार बढ़ती ही जा रही है।