राजनीतिक संकट से जूझ रहे इमरान
भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में इन दिनों राजनीतिक रस्साकशी का दौर चल रहा है। हालत यह है कि पिछले वर्ष प्रधानमंत्री रहे इमरान खान के ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।
भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में इन दिनों राजनीतिक रस्साकशी का दौर चल रहा है। हालत यह है कि पिछले वर्ष प्रधानमंत्री रहे इमरान खान के ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। इसीलिए गत दो दिनों से वहां हाई वोल्टेज ड्रामा चल रहा है। हालांकि पाकिस्तान कथित तौर पर अपने आप को लोकतांत्रिक देश मानता है, लेकिन इतिहास गवाह है कि वहां पर हमेशा सैनिक शासकों की ही चली है। सेना वहां पर हमेशा से सर्वोपरि सत्ता के रूप में काम करती आ रही है। सेना के सिर्फ पद पर बैठे अधिकारी हमेशा से ही वहां की राजनीति और शासकों को प्रभावित करते रहे हैं।
इसी का नतीजा है कि इन दिनों पाकिस्तान में जो घमासान चल रहा है उसके एक सिरे पर सेना तो दूसरे सिरे पर प्रमुख विपक्षी दल तहरीक ए इंसाफ है। इस पार्टी के मुखिया इमरान खान पिछले चुनाव में लोकतांत्रिक तरीके से चुनकर आए थे और उन्होंने सरकार बनाई और बाकायदा सरकार चलाई भी लेकिन समय के साथ इस सरकार पर से आम लोगों और सेना के अधिकारियों का भरोसा उठता गया। इसका नतीजा यह रहा कि कुछ महीने पूर्व वहां पर सभी पार्टियों ने एकजुट होकर इमरान खान को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। हालांकि सभी दलों ने मिलकर संयुक्त सरकार तो बना ली लेकिन इमरान खान इस सरकार को चलाने में जरा सा भी दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं।
इसी वजह से इमरान खान अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ लगातार सरकार विरोधी प्रदर्शन करते रहे हैं। पिछले दिनों पाकिस्तान में महंगाई इस कदर बढ़ गई कि आटा ढाई सौ रुपये प्रति किलो मिलने लगा। यही नहीं आम लोगों की दैनिक दिनचर्या में उपयोग होने वाली कई चीजें जैसे दूध गैस के सिलेंडरों के दाम आसमान छूने लगे। इसकी वजह से जनता सड़क पर उतर आई और इसे संभालना वहां की सरकार के लिए काफी मुश्किल साबित हो रहा था। इसका पूरा लाभ इमरान खान और उनकी पार्टी ने उठाया। मौके की नजाकत को समझते हुए इमरान खान बढ़ती महंगाई और देश में अराजकता की स्थिति को लेकर लगातार धरना प्रदर्शन करते आ रहे हैं, लेकिन उनकी अपने दल के बीच हमेशा से ही खींचतान चलती आ रही है।
इसी को लेकर सत्ताधारी दल ने उनके ऊपर भ्रष्टाचार जैसे गंभीर आरोप लगाए जिसकी जांच चल रही है। पिछले दिनों अदालत ने उनकी गिरफ्तारी के आदेश जारी किए तो हजारों की संख्या में पुलिस एवं सुरक्षा बल गिरफ्तार करने के लिए 2 दिन पहले उनके आवास पर पहुंचे तो उनका सामना इमरान खान और उनके हजारों समर्थकों से हो गया। किसी अनहोनी का अंदेशा देख सत्ताधारी सरकार भी कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी इसकी वजह से चाह रही थी कि इमरान खान की आसानी से गिरफ्तारी हो जाए। लेकिन ऐसा संभव नहीं हुआ। इसी बीच वहां पर हाईकोर्ट ने भी इमरान खान के पक्ष में थोड़े दिनों की राहत देकर उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी।
बावजूद इसके पाकिस्तान में सत्ताधारी दल और इमरान खान की तहरीक ए इंसाफ के बीच लगातार अब तक राहत बनी हुई है। आने वाले दिनों में यह खींचतान काफी बढ़ सकती है। इसलिए वहां की खुफिया एजेंसियां और सेना दोनों सशक्त हैं। वर्तमान घटनाक्रम और परिस्थितियों को देखते हुए लगता है कि इमरान खान सरकार के सामने जरा सा भी झुकने वाले नहीं हैं और इसके लिए वह लगातार विरोध प्रदर्शन करेंगे। ऐसे में पाकिस्तान में लगातार बढ़ रही महंगाई और कर्ज का निपटारा किस तरह होगा इसका अंदाजा लगा पाना अभी मुश्किल है। पाकिस्तान में गृह युद्ध जैसी परिस्थिति उत्पन्न हो रही है। ऊपर से राजनीतिक अस्थिरता वहां के लोगों के लिए काफी मुश्किल लेकर आने वाली है। अगर समय रहते वहां के राजनीतिक दल परिस्थितियों पर नियंत्रण पाने में कामयाब नहीं हुए तो स्थिति काफी गंभीर हो सकती है।