ईरान में पिछले कई हफ्तों से स्कूली बच्चियों को जहर दिए जाने की घटनाएं सामने आई थी। इसे लेकर अब ईरान सरकार की प्रतिक्रिया सामने आई है। देश के उप स्वास्थ्य मंत्री यूनुस पनाही ने बताया कि पवित्र शहर कौम और बोरुजर्ड के करीब 12 स्कूलों में दिसंबर से अब तक करीब 200 बच्चियों को जहर दिए जाने की घटनाएं दर्ज की गई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें से कई बच्चियों की तबियत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बता दें कि यह घटनाएं उस समय सामने आई, जब ईरान में हिजाब को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा है।
यूनुस पनाही ने रविवार को मीडिया से बातचीत में बताया कि इस मामले को जानबूझकर अंजाम दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले की शुरूआती जांच में पता चला है कि कुछ लोग सभी स्कूलों खासकर महिलाओं के स्कूल बंद कराना चाहते थे। ईरान सरकार का कहना है कि इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है। लेकिन इन घटनाओं के लिए जिम्मेदार लोगों के बारे में अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
इससे पहले पिछले सप्ताह ईरान के अटॉर्नी जनरल मोहम्मद जफर मोतंजेरी ने इस मामले को लेकर टिप्पणी की थी। उन्होंने इन मामलों को जानबूझकर अंजाम दिए जाने की आशंका जताई थी। हालांकि अब तक जहर देने की घटनाओं को लेकर कोई भी गिरफ्तारी नहीं हुई है। वहीं इस मामले को लेकर ईरान सरकार की परेशानी बढ़ती जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स में इन घटनाओं के लिए धार्मिक कट्टरपंथियों को जिम्मेदार ठहराया गया है। हालांकि ईरान सरकार की ओर से अब तक इस मामले पर ऐसी कोई जानकारी सामने नहीं आई है। जिससे पता चल सके कि इन घटनाओं के लिए धार्मिक कट्टरपंथी है। इसके अलावा अभी तक यह भी स्पष्ट नहीं हो पाया कि बच्चियों को किस तरह का जहर दिया गया है।
बता दें कि ईरान में स्कूली बच्चियों को जहर दिए जाने की यह घटनाएं तब सामने आई है, जब ईरान में हिजाब और महिलाओं के अधिकारों के लिए सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा है। पिछले साल से ईरान में हिजाब को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे है। बता दें कि छात्रा महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत के बाद देशभर में महिलाओं के अधिकारों के लिए विरोध प्रदर्शन हो रहा है। First Updated : Monday, 27 February 2023