London: हम अपने देश में खालिस्तानी आतंकियों को पनाह क्यों शरण दे रहे? ब्रिटिश सांसद ब्लैकमैन ने अपनी सरकार पर उठाए सवाल
हाल ही में लंदन स्थित भारतीय दूतावास पर खालिस्तान समर्थकों ने हमला किया था। इसके बाद ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन ने हाउस ऑफ कॉमन्स में इस मुद्दे को उठाया।
हाल ही में लंदन स्थित भारतीय दूतावास पर किए गए हमले का मुद्दा ब्रिटेन की संसद में उठाया गया। ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन ने शुक्रवार को हाउस ऑफ कॉमन्स में कहा कि हम अपने ही देश में खालिस्तानी आतंकवादियों को पनाह दे रहे हैं, हम उन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए क्या फैसला ले सकते हैं। बता दें कि पिछले दिनों खालिस्तान समर्थकों ने लंदन स्थित भारतीय दूतावास को निशाना बनाते हुए उस पर हमला किया था। खालिस्तान समर्थकों ने तिरंगे को उतारने की कोशिश थी। इसके बाद वहां की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए गए थे।
ब्रिटिश सासंद बॉब ब्लैकमैन ने हाउस ऑफ कॉमन्स के नेता पेनी मोर्डंट से कहा कि खालिस्तानी समर्थकों ने भारतीय उच्चायोग के बाहर जो गुंडागर्दी की है, वह हमारे देश के लिए अपमानजनक है। इतने सालों में यह 6वीं बार हुआ है, जब किसी उच्चायोग पर इस तरह से हमला किया गया है। इसके जवाब में सदन के नेता पेनी मोर्डंट ने कहा कि हम लंदन स्थित भारतीय दूतावास की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। इस मामले को लेकर हम भारत सरकार के संपर्क में है। उन्होंने कहा कि 'यह तय करना पुलिस और क्राउन प्रॉसीक्यूशन का काम है कि इसके लिए वारंट और आपराधिक कार्यवाही से जुड़ी कार्रवाई की जरूरत है या नहीं।'
खालिस्तानी आतंकवादियों को बैन करें सरकार
ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन ने कहा कि इस तरह के कई हमले कनाडा, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया भी देखने को मिले है। ब्लैकमैन ने सरकार से कहा कि हम अपने देश में खालिस्तानी आतंकवादियों को पनाह दे रहे है। क्या हम इस मामले पर बहस कर सकते है कि इन आतंकवादियों को प्रतिबंधित करने के लिए क्या कार्रवाई कर सकते हैं। सदन के नेता मोर्डंट ने बॉब ब्लैकमैन को हमले की निंदा करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने हाउस ऑफ कॉमन्स को आश्वासन देते हुए कहा कि ब्रिटिश सरकार भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा को गंभीरता से लेती है।
भारतीय उच्चायोग पर किया था हमला
बीते रविवार को हिंदू विरोधी कट्टरपंथी और खालिस्तान समर्थकों ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग को निशाना बनाया था। इस दौरान उन्होंने तिरंगे को उतारने की कोशिश की थी। भारतीय उच्चायोग की खिड़की तोड़ने के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया गया था। इस घटना को लेकर भारत सरकार ने दिल्ली में स्थित ब्रिटेन के उच्चायोग को तलब किया था।