मौलाना हक्कानी की मौत तालिबान के लिए एक बड़ा झटका

बीते दिन अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के एक मगरसे में आत्मघाती धमाका हुआ। इस धमाके में तालिबान से जुड़े शीर्ष मौलाना रहीमुल्ला हक्कानी की मौत हो गई थी। मौलाना हक्कानी की मौत तालिबान के लिए एक बड़ा झटका है।

Vishal Rana
Vishal Rana

बीते दिन अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के एक मगरसे में आत्मघाती धमाका हुआ। इस धमाके में तालिबान से जुड़े शीर्ष मौलाना रहीमुल्ला हक्कानी की मौत हो गई थी। मौलाना हक्कानी की मौत तालिबान के लिए एक बड़ा झटका है। बताया जा रहा है कि, रहीमुल्ला आईएस के खिलाफ सक्रिय था इस लिए उसको मारा गया है। जो हमलवार था वह अपनी कृत्रिम टांग में आईईडी छिपाकर लाया था जिससे उसने धमाका किया। हक्कानी की मौत के बाद आईएस ने इसकी जिम्मेदारी ली।

सोशल मीडिया पर भी रहीमुल्ला हक्कानी तालिबान का एक बड़ा चेहरा था। उसको तालिबान गृह मंत्री और हक्कानी नेटवर्क के सरगना सिराजुद्दीन हक्कानी का वैचारिक गुरु मानता था। इससे पहले उस पर दो हमले हो चुके थे। इसके अलावा हक्कानी तालिबान सैन्य आयोग का सदस्य रह चुका था। पेशावर स्थित मदरसें में रहीमुल्ला तालिबान लड़ाकों को पढ़ता था। बीती 6 अगस्त को भी काबुल में ऐसा ही हादसा हुआ था।

काबुल के पश्चिमी इलाके में विस्फोट हुआ था इस दौरान कई लोगों की मौत हो गई थी। संयुक्त राष्ट्र ने लगातार हो रहे अफगानिस्तान में इन हमलों की कड़ी निंदा की है। बीते कुछ दिनों मे अफगानिस्तान में अलग-अलग जगहों पर कई धमाके हुए है। जिनमें कम से कम 120 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई है। जिसके बाद आशुरा को देखते हुए अफगानिस्तान में स्थित यूएन फैमिली ने अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा को और मजबूत करेगी।

आशुरा के समय पर ही अफगानिस्तान में इस प्रकार के हमले काफी बढ़ जाते है और यह हर साल होता है। बताते चले, अफगानिस्तान में जबसे तालिबान का सरकार बनी है तबसे इन हमलों की संख्या बढ़ रही है। ज्यादातर हमलों में हजारा और शिया अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जाता है और आशुरा के दौरान जितने भी हमले होते है उनकी जिम्मेदारी आईएएस लेता है।

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12 August 2022, 02:07 PM IST

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