यूक्रेन संकट के बीच नाटो करेंगे रूस के पडोसी देश में प्रशिक्षण, 27 देश लेंगे भाग

यूक्रेन संकट के बीच नाटो करेंगे रूस के पडोसी देश में प्रशिक्षण, 27 देश लेंगे भाग

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रूस और यूक्रेन  में चल रही जंग के बीच नाटो ने एक बड़ा कदम उठाने का फैसला लिया है। दरअसल, नाटो के सैनिक और उसके सहयोगी सोमवार से नॉर्वे में एक प्रशिक्षण अभ्यास शुरू करने जा रहे हैं। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य नाटो देशों को खुद का बचाव करना होगा। यह अभ्यास रूस की सीमाओं से कुछ दूर नॉर्वे के पास ही आयोजित किया जाएगा। इस प्रशिक्षण में  27 देशों के लगभग 30,000 सैनिक, 200 विमान और 50 जहाज इस अभ्यास में हिस्सा ले सकते हैं, जो इस साल नाटो सैनिकों की सबसे बड़ी संख्या होगी। आपको बता दें कि शुक्रवार को, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि वह तीसरे विश्व युद्ध के अंत तक नाटो की रक्षा करते रहेंगे, लेकिन वह यूक्रेन में रूस से लड़कर एक व्यापक संघर्ष को बढ़ाने का जोखिम नहीं उठा सकते।

 

नॉर्वे और उसके सहयोगियों की सुरक्षा के लिए यह अभ्यास काफी अहम 

 

यह अभ्यास नॉर्वे और उसके सहयोगियों की सुरक्षा के लिए काफी महत्वपूर्ण है। नॉर्वे के रक्षा मंत्री ऑड ने स्थानीय मीडिया से बात करते हुए यह बात बताई।  ऑड ने कहा कि नॉर्वे यह परीक्षण करने के लिए इसलिए भी उत्सुक है कि वह नाटो के चार्टर के अनुच्छेद पांच के अनुरूप अपने देश में मित्र देशों के सुदृढ़ीकरण का प्रबंधन करेगा। पड़ोसी देश स्वीडन और फिनलैंड, जो आधिकारिक तौर पर सैन्य गुटनिरपेक्ष लेकिन नाटो के तेजी से करीबी साझेदार भी हैं, वह प्रशिक्षण में भाग लेंगे, जिसका समापन 1 अप्रैल को किया जायेगा।

 

क्या हैं नाटो ? जानिए,

 

आपको बता दें कि जब द्वितीय विश्व युद्ध खत्म हो रहा था और अमेरिका-सोवियत संघ के बीच शीत युद्ध की शुरुआत हो चुकी थी, तब 1949 में नाटो का गठन हुआ था। शुरुआत में इस संगठन में 12 देश के सदस्य थे, जिनकी संख्या अब तक 30 हो चुकी है। इनमें से कई देश 1991 में सोवियत संघ से अलग होने के  बाद नाटो में शामिल हो गए। नाटो के चार्टर में कुल 14 आर्टिकल हैं, जिनमें अनुच्छेद पांच सबसे मुख्य है। दरअसल, इस नियम के तहत नाटो गारंटी देता है कि उसके किसी सदस्य पर हमला हुआ तो वह अपने सामूहिक सैन्य प्रतिक्रिया तंत्र को सक्रिय करेगा। 

First Updated : Saturday, 12 March 2022