श्रीलंका के बाद अब पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान मंदी की मार का शिकार हुआ है। ऐसे में अपने ही पैदा किए गए आतंकवाद से बुरी तहर परेशान इस देश की हालत ऐसी हैकि जनता भुखमरी और तंगहाली से मर रही है। लेकिन वहीं यहां से चौकाने वाली खबर ये भी आ रही है कि मंदी के बावजूद पाक आर्मी अफसर दिन ब दिन मालामाल हो रहे हैं, खासकर पूर्व अधिकारियों के ठाठ-बाट तो देखने लायक है।
गौरतलब है कि वर्ल्ड बैंक के मुताबिक 6से लेकर 9मिलियन पाकिस्तानी जनता गरीबी रेखा के नीचे जी रही है। लेकिन ये तो रही आकड़ो की बात वहीं असल बात करें तो मंदी के दौर में भी पाकिस्तानी सेना लगातार बेहद अमीर होती जा रही है। मालूम हो कि पाक सेना के अधिकारियों का यहां देश के कारोबार तक में हिस्सा है।
देश के हर बड़े कारोबार में है सेना अधिकारियों का हिस्सा
हाल ही में पाकिस्तान के अखबारों में छपी एक रिपोर्ट चर्चा में आई, जिसमें बताया गया है कि इसके मुताबिक पूर्व सेना प्रमुख जनरल जावेद बाजवा के करीबी लोगों और परिवार की आमदनी बीते दिनों में तेजी से बढ़ी। बताया जा रहा है कि बाजवा के रिश्तेदार नए-नए बिजनेस में आने लगे हैं और इसके चलते उनके गरीब रिश्तेदारों के यहां भी बड़ी गाड़ियां आ गई हैं। परिवारवालों के पास भी लाहौर से लेकर इस्लामाबाद तक संपत्ति हो गई है और पाकिस्तान के बड़े शहरों में आलीशान प्रॉपर्टी बना ली हैं।
पाकिस्तान के ही कुछ पत्रकारों ने पूरा डेटा देते हुए उन सारे नए बिजनेस और संपत्ति का ब्यौरा दिया है। जिससे साफ हो गया है, कि देश की इकॉनिमी जितनी तेजी से नहीं गिरी, उससे ज्यादा बाजवा आर्मी चीफ के 6साल के कार्यकल में लोग रईस हो गये हैं। रिपोर्ट की मानें 6साल में जनरल के परिवार ने साढ़े 12बिलियन से ज्यादा की दौलत बनाई गई है। देश विदेश में निवेश किया गया है। जनरल ही नहीं, सेना के लगभग सारे ही आला अफसर अपने कार्यकाल में अरबों-खरबों की दौलत बना चुके। साथ ही उनके रिश्तेदार भी तेजी से अमीर हुए हैं। ऐसा कैसे हुआ? ये जानने के लिए आपको और हमे पाकिस्तान का इतिहास को देखना होगा।
पाकिस्तान में क्यों चलता है आर्मी का राज, जानिए पूरा इतिहास
भारत के साथ ही, 1947में आजाद हुए पाकिस्तान में विकास की राजनीति गायब रही। अस्तित्व में आने के बाद से पाकिस्तान ने लगभग 34साल सेना ने राज किया। देश को बर्बाद करने में मिलिट्री डिक्टेटरशिप का बहुत बड़ा योगदान है। इन तीन दशकों के अलावा भी जब भी इस देश में चुनी हुई सरकार आई, उसके बने रहने के लिए सेना का समर्थन बेहद जरूरी माना गया है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान इसके सबसे बड़े सबूत हैं। उनके कार्यकाल में सेना उन्हें और वे सेना को सहयोग करते रहे। सरकार भी तभी गिरी, जब दोनों के बीच मनमुटाव हो गया। इससे साफ है कि पाकिस्तान में सेना जितना सीमा पर मुस्तैद नहीं रहती। उससे ज्यादा वो आंतरिक मामलों और राजनीति में दखल रखती है।
पाक आर्मी ने ऐसे किया मुल्क के कारोबार पर कब्जा
दरअसल, पाकिस्तानी आर्मी ने अपने मुल्क पर कब्जा करने के लिए योजना के तहत काम किया है। इसके लिए उन्होंने एक फौजी नाम के फाउंडेशन की शुरूआत की और देश के तमाम बिजनेस अपने कब्जे में ये कह कर ले लिया कि आर्मी की देखरेख में काम अधिक ईमानदारी से होगा। इसके आमी की वेलफेयर ट्रस्ट और डिफेंस हाउसिंग अथॉरिटी के तहत भी सेना ने पाकिस्तान के कई बड़े व्यावसायों पर कब्जा जमाया है। First Updated : Friday, 06 January 2023