फ्रांस सरकार के हाल ही के पेंशन सुधारों के खिलाफ राजधानी पेरिस के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। शुक्रवार को बोर्डो, टोलकॉन और स्ट्रासबर्ग समेत फ्रांस के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। पेसिस के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन और आगजनी के दौरान प्रदर्शनकारी और पुलिस आपस में भिड़ गए। फ्रांस के कई क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े है।
दरअसल, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने नेशनल असेंबली में वोट के बिना सेवानिवृत्ति की आयु 62 से बढ़ाकर 64 साल करने का फैसला किया। इससे फ्रांस की जनता और यूनियनों के लोगों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रपति मैक्रों ने कथित तौर बहुमत नहीं हासिल करने पर एक वोट को दरकिनार करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 49-3 को लागू करने का फैसला किया।
रिपोर्ट में दावा किया गया कि इसके जबाब में मैक्रों सरकार के खिलाफ संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। अविश्वास प्रस्ताव पर संसद में निर्दलीय और वामपंथी नूप्स गठबंधन के सदस्यों ने हस्ताक्षर किए थे। जबकि दूसरा अति-दक्षिणपंथी राष्ट्रीय रैली पार्टी से था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संसद में राष्ट्रीय रैली सांसदों के नेता मरीन ले पेन ने पेंशन में बदलाव को आगे बढ़ाने के सरकार के फैसले को सरकार के लिए पूरी तरह से विफल करार दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि शुक्रवार को प्लेस डे ला कॉनकॉर्ड में सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस दौरान 300 से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया। वहीं बोर्डो, टोलकॉन और स्ट्रासबर्ग सहित अन्य शहरों में भी इस पेंशन सुधारों को लेकर काफी प्रदर्शन हुआ। हिंसक विरोध प्रदर्शन के चलते परिवहन, सार्वजनिक सेवाएं और स्कूल आदि प्रभावित हुए है।
सुरक्षा बलों ने इलाके को खाली करने के लिए प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछारों भी की। लोगों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए। वहीं पेरिस कचरा संग्रहकर्ताओं ने 21वें दिन भी अपनी हड़ताल जारी रखी है। राजधानी पेरिस में लगातार कचरे के ढेर बढ़ रहे है। हालांकि, ट्रेड यूनियनों के सदस्यों ने विपक्ष से आने वाले दिनों में अधिक हड़तालों और विरोध मार्च के दौरान शांति बनाए रखने का आग्रह किया है।
फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने इस पेंशन परिवर्तन को अपने दूसरे कार्यकाल की प्रमुख प्राथमिकता करार दिया है। इसके पीछे उन्होंने तर्क दिया है कि यह फ्रांसीसी अर्थव्यवस्था को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए सुधार की आवश्यकता है। First Updated : Saturday, 18 March 2023