रूस और यूक्रेन में चल रहे सैन्य जंग को एक हफ्ता पूरा हो गया हैं लेकिन अभी भी दोनो देशो के बीच युद्ध जारी है। रूस की तरफ से हो रहे लगातार हमले ने यूक्रेन की तस्वीर पूरी तरह से बदल दी है। एक तरफ जहां मिसाइलो से टूटी हुई इमारते हैं तो वही दूसरी तरफ वीरान पड़े रास्ते यूक्रेन में नजर आ रहे हैं, हालांकि पिछले एक हफ्ते में दोनो ही देशो में बहुत तनाव भरा माहौल रहा। रूस यूक्रेन के कई शहरो पर मिसाइल बरसा रहा है जिससे चारो तरफ तबाही का मंजर हैं और इससे दोनो ही देशो को भारी नुकसान भी हुआ हैं।
आपको बता दे कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक हफ्ते पहले 24 जनवरी को यूक्रेन के खिलाफ मिलीट्री एक्शन का ऐलान किया था जिसके बाद से ही युद्ध की शुरूआत हुई और फिर लगातार रूस के जवान यूक्रेन की तरफ कूच करने लगे। इतना ही नही रूस की तरफ से किए जा रहे हवाई हमलो से यूक्रेन के बुलंद इरादो को तोड़ने की केशिश भी की जा रही है।
रूस यूक्रेन की राजधानी कीव सहित अहम शहर खारकीव पर कब्जा जमाना चाहता हैं जिसको लेकर कई रूसी मिसाइल लगातार अटैक कर रही है इतना ही नही रूसी सैनिक यूक्रेन को डरा धमका भी रहे है, यूक्रेन के शहर Konotop के मेयर ने बुधवार को ये दावा किया था कि रूसी सेना ने उन्हें अल्टीमेटम दिया था कि या तो सरेंडर कर दे वर्ना शहर को पूरी तरह से तबाह कर दिया जाएगा। एक हफ्ते से लगातार चल रहे इस युद्ध का प्रभाव यूक्रेन के आम नागरिको पर भी पड़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि एक मार्च तक युद्ध में यूक्रेन के 752 आम नागरिक मारे गए है, हालांकि दोनो देशो की तरफ से युद्ध मे हुए नुकसान को लेकर अलग अलग दावे किए जा रहे है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने दावा किया है कि युद्ध में एक हफ्ते में उनकी सेना ने 9 हजार रूसी सैना को मार गिराया है वही दूसरी तरफ रूस की तरफ से जारी आधिकारिक आकड़ो में ये कहा गया की अभी तक 498 सैनिको ने अपनी जान गवा दी है और इसके अलावा 1597 सैनिक उभी घायल है।
बता दे कि यूक्रेन में न सिर्फ यूक्रेनी सैना बल्कि आम लोग भी रूस का डट कर सामना कर रहे है और रूसी सैना को कड़ी टक्कर देकर अपने साहस का परिचय भी देते दिख रहे है। वही भारत सरकार भी यूक्रेन में फंसे अपने नागरिको के सुरक्षित लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। First Updated : Thursday, 03 March 2022