Russia-Ukraine War: जंग में भेजने से पहले रूस अपने सैनिकों के स्पर्म क्यों संभाल रहा?
रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग को दस महीने से अधिक का समय हो गया है, लेकिन यह युद्ध रूकने का नाम नहीं ले रहा है। नए साल की शुरूआत के साथ यह जंग और खतरनाक और निर्णायक मोड़ ले सकती हैं। इसे लेकर यूक्रेन ने चिंता जाहिर की है कि रूस किसी विनाशकारी योजना पर काम कर रहा है। रूसी राष्ट्रपति पहले ही स्पष्ट कर चुके है कि जीत से कम उन्हें नहीं चाहिए। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट माने तो यूक्रेन युद्ध में भेजने से पहले रूस अपने सैनिकों के स्पर्म संभाल रहा है।
रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग को दस महीने से अधिक का समय हो गया है, लेकिन यह युद्ध रूकने का नाम नहीं ले रहा है। नए साल की शुरूआत के साथ यह जंग और खतरनाक और निर्णायक मोड़ ले सकती हैं। इसे लेकर यूक्रेन ने चिंता जाहिर की है कि रूस किसी विनाशकारी योजना पर काम कर रहा है। रूसी राष्ट्रपति पहले ही स्पष्ट कर चुके है कि जीत से कम उन्हें नहीं चाहिए। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट माने तो यूक्रेन युद्ध में भेजने से पहले रूस अपने सैनिकों के स्पर्म संभाल रहा है।
रूस यूक्रेन को कई बार चेतावनी दे चुका है कि अगर रूस की बात नहीं मानी तो इसका फैसला उसके सैनिक करेंगे। रूस अगले साल से करीब तीन लाख सैनिकों को यूक्रेन युद्ध में भेजने की योजना बना रहा है। रूस की स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन युद्ध में भेजने से पहले रूस अपने सैनिकों के स्पर्म संभाल कर रख रहा है। रूस ने अपने स्वास्थ्य नियमों में बदलाव करते हुए सैनिकों को निशुल्क क्लीनिक में स्पर्म रखने की अनुमति दी।
रूसी सरकार अपने सैनिकों को युद्ध में भेजने से पहले क्लीनिक में निशुल्क उनके स्पर्म को संभाल कर रख रही है। इसके लिए सैनिकों की पत्नियां भी राजी हो गई है। रूसी अखबार मोस्कोवस्कीज कोम्सोमोलेट्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी महिलाएं अपने पतियों को यूक्रेन युद्ध में भेजने के लिए इस शर्त पर राजी हुई है कि उनके पतियों के स्पर्म को सुरक्षित रखा जाए। यदि यूक्रेन जंग में उनकी मौत हो जाए तो उनके स्पर्म से वह गर्भवती हो सकें।
रूस-यूक्रेन युद्ध का एक साल पूरा होने वाला है। 24 फरवरी, 2022 को रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था। इसके बाद यूक्रेन की धरती दहल उठी थी। इस युद्ध में दोनों देशों का भारी नुसाकसान हुआ है। अब तक लाखों लोगों की जान जा चुकी है और अरबों रूपये की संपत्ति नष्ट हो चुकी है। बड़ी-बड़ी इमारतें जमीदोंज हो चुकी है।