श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान घोषित किए गए आपातकाल की अवधि को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। बुधवार को विक्रमसिंघे के कार्यालय ने इसकी जानकारी दी। राष्ट्रपति कार्यालय ने एक बयान में कहा कि स्थिति में सुधार के बाद राष्ट्रपति विक्रमसिंघे का मानना है कि आपातकाल को आगे बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं है।
डीपीए समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, आपातकाल की स्थिति सुरक्षा बलों को गिरफ्तारी करने के लिए व्यापक अधिकार प्रदान करती है। बता दें कि श्रीलंका में आपातकाल करीब एक महीने से प्रभावी रूप से लागू है और आधिकारिक तौर पर यह गुरुवार को समाप्त होने वाला है।
आर्थिक संकट के चलते श्रीलंका की जनता ने पिछले महीने सरकार के खिलाफ बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान आगजनी और हिंसा के कई मामले सामने आए। जिसके बाद पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को इस्तीफा देना पड़ा था। विक्रमसिंघे को 20 जुलाई को एक संसदीय वोट में उनके उत्तराधिकारी के रूप में चुना गया था।
विक्रमसिंघे के आने के बाद से राजनीतिक स्थिरता में काफी हद तक सुधार आया है और विरोध हाल ही में समाप्त हो गया है। श्रीलंका अभी भी एक अभूतपूर्व आर्थिक संकट से जूझ रहा है और वर्तमान में एक बेलआउट पैकेज सुरक्षित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से बातचीत करने में लगा हुआ है। First Updated : Wednesday, 17 August 2022