संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने कहा है कि योग की शक्ति सभी के स्वस्थ और समृद्ध भविष्य के लिए एकता की शक्ति है। उन्होंने कहा कि योगाभ्यास ऐसे समय में एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है, जब दुनिया चिंता और अवसाद को जन्म देने वाली कोविड-19 महामारी से उबरने का प्रयास कर रही है।
शाहिद ने संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन द्वारा सोमवार को आयोजित एक विशेष कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मानवता के लिए योग विषय के तहत मंगलवार को आठवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का इससे अधिक उपयुक्त समय नहीं हो सकता था क्योंकि कोविड-19 महामारी ने जीवन और आजीविका को प्रभावित किया है, जिससे चिंता और अवसाद बढ़ गया है।
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के ‘नॉर्थ लॉन’ में संयुक्त राष्ट्र के व्यक्तियों, राजनयिकों और कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘योग का अभ्यास शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य एवं मानवता की भलाई के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है।
‘नमस्ते’ से अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए शाहिद ने कहा कि योग तन, मन और आत्मा को जोड़ने वाली एकता है। उन्होंने सभी से अपने मन-मस्तिष्क को स्वस्थ बनाए रखने, अधिक शारीरिक गतिविधियों के लिए प्रतिबद्ध होने और ‘‘अपनी अंतर्रात्मा की शांति’’ के लिए योग का अभ्यास करने का आह्वान किया। First Updated : Tuesday, 21 June 2022