टर्की फिर बना रास्ते का रोड़ा, अब समुद्र में रोका कच्चे तेल से भरा भारत का जहाज

भारत समेत दुनिया के कई देशों के मालवाहक जहाज टर्की के काला सागर में फंस गए हैं। टर्की के अधिकारियों का कहना है कि बीमा कागजों की जांच पड़ताल को लेकर यह समस्या उत्पन्न हुई है। टर्की की ओर से अडंगा लगाने के बाद लाखों बैरल कच्चा तेल समुद्री सीमा में ही फंस गया है। इसके साथ ही मालवाहक जहाजों की कतारें लग गई है।

calender

भारत समेत दुनिया के कई देशों के मालवाहक जहाज टर्की के काला सागर में फंस गए हैं। टर्की के अधिकारियों का कहना है कि बीमा कागजों की जांच पड़ताल को लेकर यह समस्या उत्पन्न हुई है। टर्की की ओर से अडंगा लगाने के बाद लाखों बैरल कच्चा तेल समुद्री सीमा में ही फंस गया है। इसके साथ ही मालवाहक जहाजों की कतारें लग गई है।

टर्की के अधिकारियों ने जहाजों पर कई नियम और शर्तों लगा दी है। जिसमें मालवाहक जहाजों को यह दिखाना होगा कि तेल 60 डॉलर प्रति बैरल से कम में खरीदा गया है। जी-7 देशों द्वारा रूस से कच्चा तेल खरीदने पर प्राइस कैप लगा दिया गया है। जिसके बाद टर्की ने बीमा संबंधी नए नियमों को लागू कर दिया है।

दरअसल, जी7 देशों के समूह ने कच्चे तेल पर 60 डॉलर प्रति बैरल का कैप लगा दिया है। इसका मतलब है कि रूस से खरीदा तेल इससे महंगा नहीं होगा। रिपोर्ट के मुताबिक, रूस से कच्चा तेल लेकर भारत आ रहे टैंकर में 10 लाख बैरल बताया जा रहा है। टर्की की नई गाइडलाइन के बाद कई मालवाहक जहाज कई दिनों से समुद्री सीमा में खड़े हुए है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, टर्की के अधिकारी पहले मालवाहक जहाजों के बीमा पेपर वेबसाइट पर देखकर ही इजाजत दे देते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। अमेरिका और इंग्लैड के दबाव के बाद टर्की ने ऐसा करना बंद कर दिया है। First Updated : Saturday, 10 December 2022