खराब अर्थव्यस्था से जूझ रहे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के हाल ही में दिए बयान के काफी मायने है। यही वजह है कि देश की सत्ता संभालने के बाद शरीफ तीसरी बार यूएई के दौरे पर है। यूएई में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज ने एक इंटरव्यू में भारत और पाकिसतान के बीच कड़वाहट को खत्म करने समेत कई मुद्दों पर बात की।
पाकिस्तानी पीएम शरीफ ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि "मैंने यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयान से भारत और पाकिस्तान के बीच सुलह करवाने की गुजारिश की है। वह पाकिस्तान के दोस्त हैं और साथ ही भारत से भी उनके अच्छे संबंध हैं। वह दोनों देशों की बातचीत करवाने में अहम भूमिका अदा कर सकते हैं। मैंने जबान दी है कि हम पूरी शिद्दत से भारत से बात करेंगे।"
शरीफ ने कहा कि "अब यह हमारे ऊपर निर्भर है कि हम शांति से रहे और तरक्की करें या आपस में लड़ते रहे और अपना समय और संसाधन को बर्बाद करते रहे।" उन्होंने कहा कि "हमने भारत से तीन जंग लड़ी है और इससे अवाम के लिए मुश्किलें, गरीबी और बेरोजगारी ही बढ़ी है। हमने सबक सीख लिए है और अब हम शांति से रहना चाहते है।"
शरीफ के इस बयान पर भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत तो हमेशा से अमन चैन का माहौल चाहता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि "भारत हमेशा से पाकिस्तान के साथ सामान्य रिश्ते बनाए रखना चाहता है, लेकिन इसके लिए आतंकी और हिंसा मुक्त माहौल होना जरूरी है। इस तरह की बातचीत के लिए अमन चैन का माहौल होना जरूरी है। भारत का हमेशा से यहीं नजरिया रहा है।"
अब सवाल है कि भारत और पाकिस्तान को साथ लाने के लिए क्या यूएई शहबाज़ शरीफ की उम्मीदों खरा उतर सकता है और क्या पाकिस्तान वाकई में शांति चाहता है और आतंक पर अंकुश लगाने के लिए तैयार है। अगर यूएई सुलह के लिए तैयार हो भी जाता है तो क्या भारत और पाकिस्तान भी तैयार होंगे।
वहीं भारत का कहना है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद खत्म नहीं करता तब तक कोई बातचीत नहीं हो सकती है। अब यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि दोनों देशों में बातचीत होगी या दुश्मनी बरकरार रहेगी। First Updated : Saturday, 21 January 2023