पाकिस्तान में लाहौर के अनारकली बाज़ार के पास स्थित वाल्मीकि मंदिर को लेकर वहां की कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। लगभग दो दशक से इस मंदिर पर अवैध कब्जा कर के रखने वाले ईसाई परिवार को कोर्ट ने फटकार लगाते हुए मंदिर के जीर्णोद्धार किये जाने का फैसला सुनाया है। पूरे लाहौर में कृष्ण मंदिर के अलावा यह दूसरा मंदिर है जहां दर्शन के लिए लोग जा सकते हैं। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक पूजा स्थलों की देखरेख करने वाले संघीय निकाय द्वारा इसकी पुष्टि की गई है।
इस मंदिर में पिछले दो दशकों से एक ईसाई परिवार रह रहा है। जो हिन्दू धर्म में परिवर्तित होने का दावा करता है। ईसाई परिवार के द्वारा इस मंदिर में केवल वाल्मीकि समुदाय के लोगों को ही पूजा करने दिया जाता था। जिसके चलते एवेक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ETPB) को कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। ईटीपीबी के प्रवक्ता आमिर हाशमी ने बताया कि कोर्ट का फैसला ट्रस्ट के पक्ष में आने के बाद अब इस मंदिर का जीर्णोद्धार मास्टर प्लान के तहत किया जाएगा। हाशमी ने यह भी बताया कि मंदिर से अवैध कब्जा हटाने के बाद पहली बार इस मंदिर में लगभग 100 हिन्दू व कुछ सिख आये। हिन्दुओं ने यहां पूजा पाठ करनी शुरू कर दी है। साथ यहां सिखों द्वारा लंगर भी चालू कर दिए गए हैं। First Updated : Thursday, 04 August 2022