पुरानी पेंशन योजना ने बढ़ाई मोदी सरकार की टेंशन, बन रहा बड़ा मुद्दा

पिछले काफी समय से पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए सरकारी कर्मचारी केंद्र सरकार को बोलते आ रहे है लेकिन सरकार का कोई मूड नही है पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का। वहीं इसको लेकर सरकार ने भी लोकसभा में साफ कर दिया है अभी सरकार इस पर विचार नहीं कर रही है। फिलहाल तीन राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड में पुरानी पेंशन योजना लागू है।

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पिछले काफी समय से पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए सरकारी कर्मचारी केंद्र सरकार को बोलते आ रहे है लेकिन सरकार का कोई मूड नही है पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का। वहीं इसको लेकर सरकार ने भी लोकसभा में साफ कर दिया है अभी सरकार इस पर विचार नहीं कर रही है। फिलहाल तीन राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड में पुरानी पेंशन योजना लागू है।

लेकिन अब पुरानी पेंशन का मुद्दा बड़ा होता जा रहा है माना जा रहा है कि हिमाचल चुनाव में भाजपा की हार के पीछे पुरानी पेंशन योजना ही है जिसको भाजपा ने नजरअंदाज किया और कांग्रेस ने हिमाचल चुनाव से पहले यहां की जनता को बोला था कि उनकी हिमाचल में सरकार बनते ही वे पुरानी पेंशन योजना को फिर से राज्य में लागू कर देंगे।

यहीं कारण है कि हिमाचल में कांग्रेस ने भाजपा को हराकर बड़ी जीत हासिल की और अपनी सरकार बनाई। पुरानी पेंशन योजना के तहत सरकार साल 2004 तक या उससे पहले रिटायर्ड हुए सरकारी कर्मचारियों को उनकी सैलरी की आधी राशि के बराबर पेंशन देती है। इसके अलावा अगर पेंशनधारी की मृत्यु हो जाती है तो फिर उसके परिवार के सदस्यों को ये पेंशन दी जाती है।

बता दे, मोदी सरकार जब 2014 में सत्ता में आई थी तो उसने इस पुरानी पेंशन योजना को बदलकर नेशनल पेंशन योजना कर दिया था। नेशनल पेंशन योजना के तहत सरकार पेंशन में से 10 फीसदी तक की कटौती करती है। जबकि पुरानी पेंशन योजना में ऐसा नही होता था तबसे ही मोदी सरकार के खिलाफ सरकारी कर्मचारियों की नाराजगी देखने को मिली है।

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नहीं लागू होगी पुरानी पेंशन योजना, जानिए सरकार ने सदन में क्या कहा? First Updated : Wednesday, 14 December 2022