मंदी का ऐसा आलम, आईटी कंपनियों ने भी नौकरियां देने पर लगाई लगाम

कोरोना महामारी और रूस-यूक्रेन के युद्ध के बाद दुनियाभर में मंदी का दौर जारी है मंदी का सबसे ज्यादा असर आईटी कंपनियों पर देखने को मिल रहा है। दुनिया की बड़ी आईटी कंपनियों ने छटनी शुरू की और नौकरियों पर पाबंदी लगाई। मंदी का असर फेसबुक, गूगल और ट्विटर जैसी बड़ी कंपनियों पर भी देखने को मिला है।

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कोरोना महामारी और रूस-यूक्रेन के युद्ध के बाद दुनियाभर में मंदी का दौर जारी है मंदी का सबसे ज्यादा असर आईटी कंपनियों पर देखने को मिल रहा है। दुनिया की बड़ी आईटी कंपनियों ने छटनी शुरू की और नौकरियों पर पाबंदी लगाई। मंदी का असर फेसबुक, गूगल और ट्विटर जैसी बड़ी कंपनियों पर भी देखने को मिला है। वहीं भारत में भी आईटी कंपनियों पर मंदी का असर देखने को मिल रही है जिसके चलते आईटी कंपनियों से काफी लोगों की नौकरी चली गई और अब कंपनियों ने भर्ती पर भी रोक लगा दी।

साल 2021 के मुकाबलें भारत में साल 2022 में आईटी सेक्टर के लोगों की सबसे ज्यादा नौकरी गई है। वहीं अब साल 2023 की तीसरी तिमाही में ये आईटी कंपनियां नौकरी भी बेहद कम दे रही है। साल 2023 की तीसरी तिमाही में देश की चार टॉप आईटी कंपनियों ने महज 5000 से भी कम लोगों को ही नौकरी दी है। दूसरी तिमाही में भी यह आंकड़ा काफी कम था। तीसरी तिमाही में टीसीएस कंपनी में 2197 और विप्रो में 500 कर्मचारियों की कमी आई है।

मंदी के चलते आईटी सेक्टर के कर्मचारियों को लगातार अपनी नौकरियां खोनी पड़ रही है तो वहीं बहुत कम लोगों को नौकरी मिली है नौकरी देने के मामले में आईटी सेक्टर में लगातार कमी आ रही है। साल 2023 की तीसरी तिमाही में नौकरी देने की बात करे तो आईटी कंपनी इंफोसिस ने 1600 लोगों को नौकरी दी तो वहीं एचसीएल ने 2945 कर्मचारियों को नौकरी दी है।

आईटी कंपनी विप्रो का कहना है कि, वे ज्यादा से ज्यादा फ्रैशर्स को नौकरियां दे रहे है। पहली तिमाही में भी कंपनी ने ज्यादा फ्रैशर्स को ही नौकरी पर रखा था जिसके बाद आगे भी कंपनी ऐसा ही सोचने और करने की तैयारी कर रही है। आईटी सेक्टर के जानकारों का मानना है कि आने वाले समय में भी आईटी सेक्टर की नौकरियों में कमी देखने को मिलेगी।

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