केंद्र सराकर ने करीब 6 साल पहले डिमॉनेटाइजेशन यानी नोटबंदी करके सभी देश वासियों को चौंकाया था। नोटबंदी के दौरान रातों-रात 500 और 1000 के नोट बंद कर दिये गये थे। सरकार के इस फैसले के बाद देश भर में काफी हंगामा भी हुआ था और बैंक-एटीएम के सामने भारी मात्रा में भीड़ अपने पुराने नोटों को बदलने के लिए जमा होने लगी। जिसके बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और आरबीआई से नोटबंदी के संबंध में रिलेवेंट रिकॉर्ड पेश करने को कहा।
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि "केंद्र सरकार के 2016 के नोटबंदी के फैसले को चुनौती देने वाली दलीलों के एक समूह पर अपना फैसला उसने सुरक्षित रख लिया है। न्यायमूर्ति एसए नजीर की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि, आरबीआई के वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदंबरम और श्याम दीवान सहित याचिकाकर्ताओं के वकीलों की दलीलें सुनीं।"
संविधान पीठ ने कहा कि "मामले की सुनवाई हो गई। फैसला सुरक्षित रखा गया है। केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक के वकीलों को मामले से संबंधित रिकॉर्ड पेश करने का निर्देश दिया जाता है। जबकि अटॉर्नी जनरल (AG) ने पीठ के सामने कहा कि वह सीलबंद लिफाफे में सभी संबंधित रिकॉर्ड जमा करेंगे।"
बता दे, विपक्षी दल लगातार केंद्र के नोटबंदी वाले फैसले को असफल बताते आ रहे है। नोटबंदी के बाद सरकार का कहना था कि, इससे काला धन खत्म हो जायेगा और डिजिटल पेमेंट बढ़ेंगा। बता दे, आज सुप्रीम कोर्ट ने 8 नवंबर 2016 को केंद्र द्वारा घोषित नोटबंदी को चुनौती देने वाली 58 याचिकाओं पर सुनवाई की है। अब 10 दिसंबर तक केंद्र और आरबीआई को रिलेवेंट रिकॉर्ड पेश करने है।
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एक साल में पांचवी बार बढ़ा रेपो रेट, EMI होंगी महंगी First Updated : Wednesday, 07 December 2022