सोमवार 2 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट नोटबंदी के खिलाफ याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाने वाला है। बता दे, साल 2016 में केंद्र सरकार ने कालेधन पर रोक लगाने के लिए नोटबंदी की थी। जिसके बाद सरकार के इस फैसले को चुनौती देने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिन याचिकाओं पर न्यायमूर्ति एस. ए. नजीर की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ दो जनवरी को इस मामले पर अपना फैसला सुना सकती है।
जानकारी के मुताबिक इस मामले में दो अलग-अलग फैसले होंगे, जो न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना द्वारा सुनाए जाएंगे। न्यायमूर्ति नजीर, न्यायमूर्ति गवई और न्यायमूर्ति नागरत्ना के अलावा, पांच न्यायाधीशों की पीठ के अन्य सदस्य न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रमण्यन हैं।
पीठ ने केंद्र के 2016 के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी, आरबीआई के वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदम्बरम तथा श्याम दीवान समेत याचिकाकर्ताओं के वकीलों की दलीलें सुनी थीं और अपना फैसला सुरक्षित रखा था। बता दे, साल 2016 में केंद्र सरकार ने 500 और 1000 के नोट बंद कर दिया थे।
जिसपर वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदम्बरम दलील देते हुए कहा थआ कि, "केंद्र सरकार कानूनी निविदा से संबंधित किसी भी प्रस्ताव को अपने दम पर शुरू नहीं कर सकती है और यह केवल आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड की सिफारिश पर किया जा सकता है।" अब इस पर सभी को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है जो 2 जनवरी को आने वाला है।
ये खबर भी पढ़ें............
सामने आया दिसंबर का जीएसटी डाटा, 1.4 लाख करोड़ रुपये का हुआ कलेक्शन First Updated : Sunday, 01 January 2023