विदेशी निवेशकों का डगमगा रहा विश्वास, ऐसे में कैसे चलेगा भारतीय शेयर बजार

विदेशी संस्थागत निवेशकों का भरोसा अब भारतीय शेयर बजार में डगमगाते दिख रहा है। वह बहुत ही सोच समझकर निवेश कर रहें है। जिसका असर बजार पर देखने को मिल रहा है। 16 वर्षों से विदेशी निवेशक भारतीय बजार से जुड़े है ऐसे में कहा जा रहा है कि अगर विदेशी संस्थागत निवेश नहीं करेंगे तो भारतीय बजार का क्या हाल होगा।

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विदेशी संस्थागत निवेशकों का भरोसा अब भारतीय शेयर बजार में डगमगाते दिख रहा है। वह बहुत ही सोच समझकर निवेश कर रहें है। जिसका असर बजार पर देखने को मिल रहा है। 16 वर्षों से विदेशी निवेशक भारतीय बजार से जुड़े है ऐसे में कहा जा रहा है कि अगर विदेशी संस्थागत निवेश नहीं करेंगे तो भारतीय बजार का क्या हाल होगा। हांलकी पहले से मंहगाई दर में गिरावट देखने को मिली है। विदेशी संस्थागत निवेशकों(FII) ने 16 दिनों तक लगातार बिकवाली की है, जिसमें उन्होंने 23,800 करोड़ की बिकवाली की हुई है। हालांकी बिकवाली अभी जारी है।

जनवरी में 17,400 करोड़ रुपये से अधिक की इक्विटी का निवेश बजार में किया गया है। घरेलू इक्विटी बजार में NSDL के आँकडों के मुताबिक, 15,000 करोड़ रुपये का निकासी हुआ है और आगे भी बिकवाली का रुझान जारी रहेगा। लगातार 16 वें बिकवाली सत्र में कुल 23,887 करोड़ रुपये तक पहुँच गया है। अब तक की सबसे बड़ी बिक्री 3,208.15 करोड़ रुपये का धन 11 जनवरी तक व्यय किया गया है। वही 9 जनवरी तक 203.13 करोड़ रुपये का निकासी भी किया गया है।

भारतीय इक्विटी बजार में 9605.64 करोड़ रुपये का कुल धन व्यय इस सप्ताह में किया गया है। सचेत रहकर, कर रहे निवेश विशेषज्ञ के अनूसार कुछ हफ्तो से विदेशी निवेशक सोच समझकर निवेश कर रहें है. विशेषज्ञों का मानना है कि महंगाई दर को घटाने से भी कोई फर्क नहीं दिखेगा और आगे भी विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी रहेगी। 2-13 जनवरी के बीच भारतीय इक्विटी बजार में 15,068 की शुद्ध निकासी की गई थी।

नए साल के पहले हफ्ते का आउटफ्लो.........

विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 2-6 जनवरी के बीच भारतीय इक्विटी से 7,813.44 करोड़ रुपये का निकासी किया था, वही NSE के द्वारा दी गई आंकड़ो के मुताबिक एफपीआई ने 2 से 6 जनवरी के बीच 5872 रुपये निकासी किया था। भारतीय मुद्रा में गिरावट एफपीआई के शुद्ध बिक्री तथी अमेरिका में बढ़े ब्याज दर के कारण हुआ है।

2022 में की गई धन निकासी का आंकड़ा......

एफपीआई के मुताबिक 2022 इनफ्लो के मामले में काफी खराब वर्ष रहा है। इस वर्ष में 1.21 लाख की निकासी की गई थी। आपको बता दें की बिते वर्ष 2021 में 25,752 करोड़ तथा वर्ष 2020 में 1.7 लाख, 2019 में 1.01 लाख रुपये का निवल निवेश इक्विटी बजार में किया गया था इस इन्वेस्टमेंट के पहले वर्ष 2019 में 33.014 करोड़ की निकासी की गई थी।

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