चीफ जस्टिस बनने के बाद डीवाई चंद्रचूड़ के सामने होगी ये बड़ी चुनौती

बुधवार को देश को अपना नया चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया मिल गया है। जी हां राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रोपदि मुर्मू ने डीवाई चंद्रचूड को देश के 50वें चीफ जस्टिस के रूप में सपथ दिलाई है। अब वे 10 नवंबर 2024 तक देश के चीफ जस्टिस के पद पर कार्यरत रहेंगे।

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बुधवार को देश को अपना नया चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया मिल गया है। जी हां राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने डीवाई चंद्रचूड को देश के 50वें चीफ जस्टिस के रूप में शपथ दिलाई है। अब वे 10 नवंबर 2024 तक देश के चीफ जस्टिस के पद पर कार्यरत रहेंगे। वे 10 साल के बाद देश के सबसे कम उम्र के चीफ जस्टिस बनने वाले पहले व्यक्ति भी हैं। उनके व्यक्तित्व को हर कोई जानता है कि कैसे वे आम नागरिकों को न्याय दिलाने में सदैव तत्पर रहते हैं।

अब उनके सामने चीफ जस्टिस के तौर पर काफी चुनौती होगी जिनका उनको सामना करना हैं। इससे पहले डीवाई कई बड़े और अहम मुद्दों की जजमेंट में शामिल हो चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा कई ऐतिहासिक फैसले लेने वाली बेंच का भी ये हिस्सा रह चुकें हैं। बता दे, डीवाई ने दिल्ली यूनिवर्सिटी और हार्वर्ड लॉ स्कूल से अपनी शिक्षा ग्रहण की हैं।

सेना में महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन देने जैसे मामलों में भी डीवाई सबसे आगे रहे हैं। अब उनको जजों की चयन प्रक्रिया को बेहतर बनाना है उनको न्यायाधीशों की नियुक्ति में पारदर्शिता और ईमानदारी दिखानी होगी।

डीवाई के सामने न्यायपालिका को तकनीकी रूप से उन्नत बनाने की अहम चुनौती होगी। जिसको लेकर पहले से कई सवाल उठते रहें हैं। अगर वे ऐसा कर लेते है तो लोगों को न्याय जल्द से जल्द और आसानी से मिल सकेगा। न्याय के लिए लोगों को सालों साल इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

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