आज नहीं कल मनाई जाएगी मकर संक्रांति, कंफ्यूजन हुआ खत्म
सूर्य मकर राशि में 15 जनवरी को अगली सुबह 3:02 बजे प्रवेश करेगा इसलिए इसे आज नहीं कल मनाया जाएगा।
मकर संक्रांति हिंदुओं का सबसे प्रसिद्ध त्यौहार है। मकर संक्रांति को प्रत्येक वर्ष 14 जनवरी के दिन बड़ी घूम धाम से मनाया जाता है। इस दिन कई तरह के धार्मिक कार्य भी किए जाते हैं, कई दृष्टि से इस पर्व का महत्व है। मकर संक्रांति हर साल 14 जनवरी को मनाई जाती है, लेकिन इस साल ये 15 जनवरी को मनाई जाएगी।
दरअसल सूर्य मकर राशि में 15 जनवरी को अगली सुबह 3:02 बजे प्रवेश करेगा इसलिए इसे आज नहीं कल मनाया जाएगा।
राज्यों में अलग-अलग नाम से की जाती है सेलिब्रेट
मकर संक्राति देश के अनेक राज्य में अलग-अलग नाम से सेलिब्रेट की जाती है। यूपी-बिहार में ये खिचड़ी के नाम से मनाई जाती है। तमिलनाडु में इसे पोंगल, कर्नाटक, करेल, आंध्र प्रदेश में इसे मकर संक्राति और असम में इसे बीहु नाम से मनाई जाती है।
इस दिन गंगा स्नान किया जाता है। उसके बाद दान भी दिया जाता है। गंगा स्नान और दान को इस दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। आपको बता दें कि मकर संक्रांति से कई धार्मिक मान्यताएं व सांस्कृतिक परंपराएं भी जुड़ी हुई हैं।
दही-चूड़ा और खिचड़ी का महत्व
यूपी-बिहार में विशेष कर मकर संक्रांति को खिचड़ी नाम से जाना जाता है। इस दिन दही-चूड़े का सेवन वहां के लोग करते हैं। इसके अलावा इस दिन खिचड़ी, तिल के लड्डू और तिल की गजक और तिलकुट खाने का महत्व है। आपको बता दें कि इसी समय धान की फसल की कटाई होती है और नए चावल निलकते हैं।
इन्हीं चावल की खिचड़ी बना कर सूर्य देव को भोग लगाया जाता है इसलिए मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी बनाई जाती है।
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