चंडीगढ़। सीमा पार ड्रोन के माध्यम से हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए सरकार ने विशेष तैयारी की है।अब पंजाब पुलिस को इसके लिए खास ट्रेनिंग दी जाएगी। पुलिस ने अपने बड़े आधिकारी को नामी एनोरॉटिकल कंपनियों से ट्रेनिंग दिलाने का फैसला लिया है। ट्रेनिंग में उन्हे ड्रोन के आस पास उपयोग की अति आधुनिक तकनीकों के बारें में विस्तार से समझाया गया। उम्मीद यह है कि इसके बाद ड्रोन का भारतीय क्षेत्र में आना मुश्किल होगा। आपको बता दे कि कुछ समय पहले इकाले में पड़ रही धुंध के कारण सरहदी एरिया में ड्रोन की समस्या गंभीर हो गई है। रोजाना ड्रोन हथियार व नशा लेकर घूसने की प्रयास कर रहे है। साथ ही तस्कर अब इस काम में US बेस्ड महंगे ड्रोन प्रयोग कर रहे है।
इसने एक बार फिर पंजाब पुलिस को अपनी कार्य प्रणाली पर मंथन के लिए मजबूर किया है ऐसे में पुलिस ने अब अपने सीनियरों को एरोनॉटिकल कंपनियों में सही तरीके से उचित ट्रेनिंग दिलाने की तैयारी की है। जब ये अफसर नई तकनीक सीख जाएंगे तो इन्ही पर अन्य आधिकारियों को ट्रेनिंग देने की जिम्मेदारी रहेगी। आपको बता दे कि पंजाब पुलिस और BSF मिलकर ड्रोन से निपटने में जुटे हुए हैं। पंजाब के IG हेडक्वाटर सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि ड्रोन से चल रहे नशा व हथियारों के धंधे को रोकने में पुलिस जुटी हुई है।
पुलिस को नई- नई तकनीकी से अपडेट कराया जा रहा है। साल 2022 में 292 बार ड्रोन से घुसपैठ के मामले सामने आए है। जिसमें से 246 मामले केवल पंजाब से हैं। जिसमें 21 ड्रोन पुलिस ने मार गिराए थे। पंजाब के इन 6 जिलों में सबसे ज्यादा ड्रोन का आंतक- ये जिले फाजिल्का, फिरोजपुर, तरनतारन, अमृतसर, पठानकोट और गुरदासपुर हैं। जबकि इस एरिया में BSF पहले ही काम रही है।
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